डाबर का मालिक कौन है? (Owner of Dabur)

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दोस्तों आज हम जानने वाले हैं कि डाबर कंपनी का मालिक कौन है (Dabur company owner) । आज के इस आर्टिकल में हम डाबर कंपनी के बारे में आपको बहुत कुछ ऐसी जानकारी देने वाले हैं जो आज से पहले आप शायद ही जानते होंगे।

दोस्तों, आपने डाबर नाम तो जरूर सुना होगा और शायद आपने कभी न कभी इस कंपनी के प्रोडक्ट जैसे डाबर तेल, डाबर मंजन, डाबर लाल तेल, डाबर हाजमोला, डाबर च्यवनप्राश का उपयोग किया होगा।

यह एक भारतीय कंपनी है और यह कंपनी आयुर्वेदिक दवा और हेल्थ केयर प्रोडक्ट बनाती है। डाबर कंपनी के बारे में और भी रोमांचक बातें जानने के लिए इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें।

डाबर का मालिक कौन है (Owner of Dabur)

डाबर एक बहुराष्ट्रीय भारतीय कंपनी है जिसकी स्थापना एसके बर्मन (S.K. Burman) ने 1884 में कोलकाता में किया गया था। और अभी कंपनी के चेयरमैन अमित बर्मन हैं।

एसके बर्मन कोलकाता में एक आयुर्वेदिक डॉक्टर होने की वजह से उन्होंने कुछ बीमारियों जैसे हैजा, कब्ज,मलेरिया, बुखार के लिए दवाइयां बनाई और उसे कोलकाता में है साइकिल पर रखकर बेचा करते थे। उनके मरीज उनको और उनकी दवाओं को ‘डाबर’ नाम से बुलाते थे।

डाबर का मालिक कौन है

एसके बर्मन का उद्देश्य देश के अलग-अलग गांव में आम लोगों के लिए प्रभावी और किफायती इलाज उपलब्ध कराना था और वह अपने इस उद्देश्य को पूरा भी किए। आज के समय में डाबर दुनिया के सबसे बड़े आयुर्वेदिक कंपनी बन चुकी है।

आज के समय में डाबर कंपनी का मुख्यालय गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश, भारत में है और इस कंपनी के सीईओ मोहित मल्होत्रा है। कंपनी के कुछ शेयर बर्मन परिवार के पास है और कुछ कंपनी के पास।

डाबर कंपनी के बारे मे (About Dabur Company)

स्थापना1884
मुख्यालयग़ज़िआबाद, उत्तर प्रदेश
संस्थापकएसके बर्मन
मालिकएसके बर्मन
सीईओमोहित मल्होत्रा
मूल कंपनीDabur India LTD
उत्पादFMCG
कर्मचारियों की संख्या7,740 (March 2020)
वेबसाइटdabur.com

138 वर्षों से अधिक की गुणवत्ता और लोगों के भरोसे की वजह से डाबर आज भारत का सबसे भरोसेमंद कंपनी है। 250 से अधिक आयुर्वेदिक उत्पादों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी आयुर्वेदिक और प्राकृतिक स्वास्थ्य देखभाल कंपनी है।

डाबर को दुनिया भर में ‘ आयुर्वेद के संरक्षक’ भी बोला जाता है क्योंकि डाबर उपभोक्ताओं के लिए उत्पादों को विकसित करने के लिए आधुनिक विज्ञान के साथ प्राचीन आयुर्वेद का भी उपयोग करता है।

डाबर आज प्रमुख उपभोक्ता उत्पाद की क्षेत्र जैसे- हेयर केयर, ओरल केयर, स्किन केयर, होम केयर और फूड्स में पपरिचालन करता है। डाबर शहर और ग्रामीण दोनों बाजारों में 6.7 मिलियन खुदरा दुकानों को कवर करता है।

डाबर के उत्पादों की विदेशी बाजारों में भी बड़ी उपस्थिति है और आज दुनिया भर के 120 से अधिक देशों में उपलब्ध है। इसके ब्रांड मध्यपूर्व सार्क देशों अफ्रीका, अमेरिका, यूरोप और रूस में अत्यधिक लोकप्रिय हैं। डाबर कंपनी ने खुद को एक पारिवारिक व्यवसाय से व्यवसायिक व्यवसाय के रूप में खुद को बदल लिया।

एसके बर्मन के बारे में (About SK Burman)

डाबर की कहानी डॉ. एसके बर्मन के एक छोटे, लेकिन दूरदर्शी प्रयास से शुरू हुई, जो बंगाल में एक चिकित्सक था। उनका मिशन दूर-दराज के गांवों में आम लोगों के लिए प्रभावी और किफायती इलाज उपलब्ध कराना था।

मिशनरी उत्साह और जोश के साथ डॉ. बर्मन ने उन दिनों की जानलेवा बीमारियों जैसे हैजा, मलेरिया और प्लेग के लिए प्राकृतिक इलाज तैयार करने का काम किया।

जल्द ही उनकी दवाओं की खबर फैल गई, और उन्हें भरोसेमंद ‘दतर’ या डॉक्टर के रूप में जाना जाने लगा, जो प्रभावी इलाज के साथ आए। और इसी तरह उनके उद्यम डाबर का नाम डकार बर्मन के देवनागरी गायन से लिया गया

डॉ. बर्मन ने आयुर्वेदिक दवाओं के उत्पादन और वितरण के लिए 1884 में डाबर की स्थापना की। ऐसे लोगों तक पहुंचना, जिनके पास उचित उपचार तक पहुंच नहीं थी।

डॉ. एसके बर्मन की प्रतिबद्धता और निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप कंपनी कलकत्ता के एक छोटे से घर में एक नवोदित दवा निर्माता से एक घरेलू नाम के रूप में विकसित हुई, जो एक बार विश्वास और विश्वसनीयता पैदा करती है।

डाबर ग्रुप में कौन कौन सी कंपनिया है?

  • New U
  • Namaste Group
  • Hobby

FAQ

Q: डाबर कंपनी की स्थापना किसने की?

Ans: डाबर कंपनी की स्थापना एसके बर्मन ने 1984 में की थी।

Q: डाबर कंपनी की स्थापना कब और कहां हुई?

Ans: डाबर की स्थापना 1884 में कोलकाता में हुई।

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