Amul का मालिक कौन है? (Owner of Amul Company)

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अमूल के बारे में तो अपने सुना होगा, और आपने अमूल के प्रोडक्ट्स भी यूज़ किये होंगे, क्या आपने कभी सोचा की Amul का मालिक कौन है? (Who is the owner of Amul) क्या आपको बता है, अमूल कंपनी के बारे में।

आज हम आपको Amul Company के बारे में सभी जानकारी देने वाले हैं, आज हम आपको अमूल कंपनी के बारे में सब कुछ बताने वाले हैं, आप इस आर्टिकल को अच्छे से पढ़ें और जाने Amul Company के बारे में।

अगर हम कभी भी डेरी वाली चीज़ों की बात करते हैं, तो सबसे पहले हमारे दिमाग में अमूल का ही नाम आता है। अगर हम दुकान में पैक्ड दूध लेने जाते हैं तो, वहां भी हम सबसे पहले यही पूछते हैं की अमूल का दूध है क्या।

अमूल सिर्फ दूध नहीं बनाता है, बल्कि और भी बहौत साड़ी दूध से बानी हुई चीज़ें बनाता है, जिनके बारे में आज हम आपको इस लेख में बताने वाले हैं। आज हम आपको Success Story of Amul In Hindi में बताने वाले हैं।

Amul का मालिक कौन है?

अमूल की नीव डॉ.वर्गीस कुरियन जिनको की ( Milk Man of India ) भी कहा जाता है, और त्रिभुवनदास किसीभाई पटेल ने 14 December 1946 को गुजरात के आनंद शहर में रक्खी थी।

Amul का मालिक कौन है
verghese kurien amul

डॉ. वर्गीस कुरियन का जन्म 26 नवंबर 1921 को केरल के कालीकट (अब कोझीकोड) में एक संपन्न ईसाई परिवार में हुआ था।

उनके पिता पुथेनपर्क्कल कुरियन ब्रिटिश कोचीन में एक सिविल सर्जन थे और उनकी माँ एक उच्च शिक्षित महिला के साथ-साथ एक असाधारण पियानो वादक थीं। उनका नाम उनके चाचा राव साहिब पी. के. वर्गीज के नाम पर रखा गया था।

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डाॅ वर्गीस कुरियन ही वह Mechanical Engineer हैं जिन्होंने दूध उद्योग में नई क्रांति को जन्म दिया|

मद्रास के लोयोला काॅलेज से भौंतिकी में स्नातक, मद्रास से BE Mechanical और America की Michigan University से Mechanical Engineering में Master of science की उपाधि लेने के बाद डाॅ कुरियन ने अपनी किस्मत को दूध उद्योगों में अपनाया और अपने प्रयासों की बदोलत इस क्षेत्र में नई उचाइयां दी।

अमूल कंपनी के बारे में (About Amul)

स्थापना26 नवंबर 1921
मुख्यालयआनंद, गुजरात
मालिकवर्गीस कुरियन
सीईओआर. ऐस. सोढ़ी
मूल कंपनीAmul
उत्पाद डेरी प्रोडक्ट्स
वेबसाइट amul.com

कैसे हुई Amul की शुरुआत?

आपने ये तो जान लिआ की Amul का मालिक कौन है, आइए आपको आपको बताते हैं की अमूल कंपनी को बनाने के पीछे की कहानी।

देश को दूध उत्पादन में आत्मनिर्भर करने के साथ ही किसानों की दशा सुधारने के लिए वर्गीज कुरियन ने इसकी शुरुआत की. कुरियन को ‘भारत का मिल्कमैन’ भी कहा जाता है.

एक समय जब भारत में दूध की कमी हो गई थी, कुरियन के नेतृत्व में भारत को दूध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम शुरू हुआ।

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अमूल तब शुरू हुआ था जब हमारा देश आजादी की लड़ाई लड़ रहा था। सरदार वल्लभ भाई पटेल जैसे दूरदर्शी और क्रान्तिकारी नेता ने सोचा कि किसानों को आर्थिक मजबूती तभी प्रदान की जा सकती है जब वे दलालों की मजबूत पकड़ से बाहर आ सकेंगे।

4 जनवरी 1946 में स्मारखाँ (खेडा जिला) गुजरात में एक मीटिंग में इस पर विचार किया गया कि हमको सहयोगी गाँवों में दुग्ध उत्पादन केंद्र बनाने चाहिए।

Amul का मालिक कौन है

कुरियन अपने शद्बों को जीने वाले में से है. इसका प्रमाण हैं उन्होंने गरीब किसानों और दलित आदिवासियों को आगे आने का मौका दिया और आज अमूल पूरे देश में प्रसिद्ध है।

उनके जन्मदिन को “राष्ट्रीय दूध दिवस (National Milk Day)” के रूप में मनाया जाता हैं

फिर पहली सहकारी संस्था आनंद में बनाई गई जहाँ छोटे किसानों ने साथ में आकर हाथ मिलाया और एक गाँव का एक सहकारी समूह तैयार किया जिसने अमूल के नाम से पूरे देश में सफलता प्राप्त की।

इसका पंजीकरण दिसम्बर 1946 में किया गया और फिर मुम्बई योजना के अन्दर दुग्ध उत्पादन की सप्लाई 1948 में शुरू की गई। 1973 में यह गुजरात सहकारी दुग्ध मार्केटिंग फ़ेडरेशन लि. में तबदील हो चुकी थी और अमूल के नाम से लोकप्रिय हुई।

Amul Company किस तरह से काम करती है?

अमूल लगभग 70 लाख लीटर दूध रोज 1,100 गाँवों से एकत्रित करता है और ये गाँव पूरे गुजरात में फैले हुए हैं। लोगों तक एक अच्छा उत्पाद पहुँचाने के लिए अमूल द्वारा इसमें एक 3 टीयर मॉडल का इस्तेमाल किया जाता था – जिसमें पहले गाँव में एक संस्था से दूध लिया जाता था (जो प्राइमरी प्रोडयूसर हुआ करते थे)।

फिर यह दूध जिले के सहयोगी दुग्ध भंडार के पास जाता था। वे दूध को पर्याप्त तापमान पर रखते थे और उसको रखने के लिए उसमें रासायनिक पदार्थ डाले जाते थे और फिर तीसरे चरण में वह दूध फेडरेशन (जो दूध की प्रोसेसिंग और उसको बाजार में बेचने का काम करता था) तक पहुँचता था।

इस माडल में से दलाल/ बिचौलिए को पूरी तरह हटाया जा चुका था और यही गाँव के लोगों के मुनाफ़े का स्रोत बना।

अमूल क्या-क्या बनती है?

अमूल के प्रमुख उत्पाद हैं- दूध, दूध का पाउडर, मक्खन, घी, चीज़,पनीर, दही, चॉकलेट, श्रीखण्ड, आइसक्रीम, गुलाब जामुन, न्यूट्रामूल आदि।

अमूल की सफलता कैसे हुई?

अमूल की सफलता पर तत्कालीन प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने अमूल मॉडल को दूसरी जगहों पर फैलाने के लिए राष्ट्रीय दुग्ध विकास बोर्ड (एनडीडीबी) का गठन किया और उन्हें बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया।

एनडीडीबी ने 1970 में ‘ऑपरेशन फ्लड’ की शुरुआत की जिससे भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश बन गया।

कुरियन ने 1965 से 1998 तक 33 साल एनडीडीबी के अध्यक्ष के तौर पर सेवाएं दीं. वे 1973 से 2006 तक गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड के प्रमुख और 1979 से 2006 तक इंस्टीट्‍यूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट के अध्यक्ष रहे।

गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल है नाम।

अमूल-अमूल का “Utterly Butterly campaign” सबसे ज्यादा चलने वाला विज्ञापन था और इसको गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल किया गया था क्योंकि कंपनी का ऐसा मानना है कि वह एक बहुत सीधी, आसान, एक नई सोच के साथ और अपने ग्राहकों को एक सा उत्पाद प्रदान करने वाली कंपनी है।

अमूल के विज्ञापन में कभी भी किसी बड़े एक्टर को शामिल नहीं किया गया है. अमूल की सफलता उसकी सोच और उसकी मार्केटिंग पर रही जिसमें उसने ऐसे उत्पाद बनाए जहां देश के के लोगों को एहसास था कि अगर हम अपने घरों में भी दूध मक्खन का उत्पादन करेंगे तो हमको इससे सस्ता नहीं पड़ने वाला।

FAQ

Q: अमूल कंपनी कहां की है?

Ans: अमूल कंपनी आणंद, गुजरात की है।

Q: अमूल कंपनी कहाँ स्थित है?

Ans: अमूल कंपनी आणंद, गुजरात में स्थित है।

तो इस तरह से दोस्तों आज आपने जाना की Amul का मालिक कौन है? और साथ ही आज आपको अमूल के बारे में बहौत अच्छी जानकारियां भी मिली होंगी।

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