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जय हिन्द दोस्तों, दोस्तों आज हम जानेंगे की LIC का मालिक कौन है और इसके साथ-साथ एल.आई.सी. कंपनी के बारे में बहुत कुछ जानकारी देने वालें हैं, वैसे तो इस कंपनी का नाम भारत में काफी प्रचलित है और जो जीवन बीमा में दिलचस्पी रखते हैं वह लोग इस कंपनी को जानतें हैं।
लोग अपने जीवन और आने वाले कल (भविष्य) को सुरक्षित रखने के लिए अलग-अलग जगह निवेश करते हैं, बहुत से लोग अपना पैसा बीमा आदि में लगाते हैं।
और कुछ लोग विभिन्न-विभिन्न जगह निवेश करतें हैं जिससे उन्हें आने वाले कल में अच्छा मुनाफा मिल सके और उनका भविष्य सुरक्षित रहे लेकिन LIC पर सबसे ज्यादा लोग भरोसा करते हैं और अलग-अलग policy पर अपना पैसा लगाना चाहते हैं।
LIC बहुत पुरानी और भरोसेमंद कम्पनी है यही वजह से लोग इस कम्पनी पर आंख मूंद कर भरोसा करते हैं और अपना पैसा इस कंपनी में इन्वेस्ट करते हैं, इस कम्पनी की policy और प्लान की अधिक जानकारी के लिए आप अपने नजदीकी LIC ऑफिस में जा सकतें हैं और उनसे जानकारी ले सकतें हैं तथा आप LIC बीमा एजेंट से जानकारी ले सकतें हैं।
Table of Contents
- LIC का मालिक कौन हैं?
- LIC की स्थापना कब हुई?
- LIC के बारे में (About LIC)
- LIC का इतिहास (LIC History in Hindi)
- LIC क्या है? (What is LIC in Hindi)
- जीवन बीमा के प्रकार (Types of Life Insurance)
- 1. टर्म इंश्योरेंस प्लान (Term Life Insurance)
- 2. मनीबैक इंश्योरेंस पॉलिसी (Moneyback Insurance Policy)
- 3. एंडोमेंट पॉलिसी (Endowment Policy)
- 4. सेविंग्स एंड इन्वेस्टमेंट प्लान्स (Savings and Investment Plans)
- 5. यूलिप (ULIP)
- 6. आजीवन लाइफ इंश्योरेंस (Whole Life Insurance Plan)
- 7. चाइल्ड इंश्योरेंस पॉलिसी (Child Insurance Policy)
- 8. रिटायरमेंट प्लान (Retirement Plan)
- LIC का स्लोगन
- FAQ
LIC का मालिक कौन हैं?
LIC का मालिक Government of India (भारत सरकार) है। एल.आई.सी. पूरी तरह से भारत सरकार के स्वामित्व में है। LIC की स्थापना 1 सितम्बर 1956 को की गयी थी और इसका मुख्यालय मुंबई में है।
LIC में लगभग 2048 कार्यालय देश के कई शहरों में स्थित हैं और इसके 10 लाख से ज्यादा एजेंट भारत भर में फैले हैं। भारतीय जीवन बीमा निगम भारत की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी है और देश की सबसे बड़ी निवेशक कंपनी भी है।
LIC की स्थापना कब हुई?
इस कंपनी की स्थापना 1 सितम्बर 1956 में हुई थी, इसका मुख्यालय भारत के महानगर मुंबई में स्थित है, इस कंपनी के चेयरमैन एम आर कुमार जी है। इस कंपनी के कार्यालय (ब्रांचेस) देश के हर शहर और गाँव में संचालित है।
भारत बीमा निगम का वित्तीयनिर्माण सेवाओ के उद्योग से हुआ था। एलआईसी की लगभग 8 आंचलिक कार्यालय है और 101 संभागीय कार्यालय भारत के विभिन्न क्षेत्रो में स्थित है। इस कम्पनी में लगभग 1 लाख 14 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं।
LIC के बारे में (About LIC)
स्थापना | 1 सितंबर 1956 |
मुख्यालय | मुंबई, भारत |
अध्यक्ष | एम आर कुमार |
कुल संपत्ति | ₹31,11,847 करोड़ |
मालिक | भारत सरकार |
वेबसाइट | www.licindia.in |
LIC का इतिहास (LIC History in Hindi)
1818 में पहली बार भारत की धरती पर कोई बीमा कंपनी शुरू हुई थी। इसका नाम ओरिएंटल लाइफ इंश्योरेंस कंपनी था। ये सिर्फ अंग्रेजों का जीवन बीमा करती थी।
बाबू मुत्तीलाल सील जैसे कुछ लोगों के प्रयासों से भारतीयों का भी बीमा होने लगा, लेकिन उनके लिए रेट अलग थे। 1870 में पहली भारतीय लाइफ इंश्योरेंस कंपनी शुरू हुई तो बराबरी का हक मिला। धीरे-धीरे भारत में जीवन बीमा कंपनियों की बाढ़ आ गई।
1956 तक भारत में 154 भारतीय इंश्योरेंस कंपनियां, 16 विदेशी कंपनियां और 75 प्रोविडेंट कंपनियां काम करती थीं। 1 सितंबर 1956 को सरकार ने इन सभी 245 कंपनियों का राष्ट्रीयकरण करके भारतीय जीवन बीमा निगम, यानी LIC, की शुरुआत की।
सरकार ने उस वक्त इसे पांच करोड़ रुपए जारी किए थे। 1956 में LIC के 5 जोनल ऑफिस, 33 डिविजनल ऑफिस, 212 ब्रांच ऑफिस और एक कॉर्पोरेट ऑफिस था।
कंपनी ने एक साल में ही 200 करोड़ का बिजनेस किया। इस भरोसे के पीछे एक बड़ी वजह सरकार की गारंटी थी।
1990 तक भारत में ज्यादातर कंपनियों पर सरकार का एकाधिकार था। 1991 के बाद धीरे-धीरे सरकारी कंपनियों को निजी हाथों में बेच दिया गया, लेकिन सरकार ने LIC को नहीं छुआ।
कई प्राइवेट इंश्योरेंस कंपनियां आने के बावजूद भारत के दो तिहाई बीमा बाजार पर LIC का कब्जा है। ये करीब 36 लाख करोड़ की संपत्ति का मैनेजमेंट करती है। LIC ने लोगों के बीच भरोसा बनाया है कि यहां लगाया उनका पैसा कभी डूबेगा नहीं।
LIC क्या है? (What is LIC in Hindi)
एल.आई.सी. भारत की सबसे बड़ी जीवन बीमा कम्पनी है, LIC (एलआईसी) का मतलब या पूरा नाम लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया (Life insurance corporation of India) है जिसे हिन्दी में भारतीय जीवन बीमा निगम के नाम से जाना जाता है।
यह पूरी तरह से भारत सरकार के स्वामित्व में है। एलआईसी भारत में सबसे बड़ी और जानी मानी कंपनी है। यह सबसे बड़ी निवेशक कंपनी भी है।
जीवन बीमा ऐसा अनुबंध है, जिसमे व्यक्ति का बीमा किया जाता है अगर मान लीजिये उस व्यक्ति की किसी दुर्घटना में या किसी भी वजह से मौत हो जाती है तो बीमा कंपनी उस व्यक्ति पर निर्भर लोगों को कुछ हद तक वित्तीय तौर पर रहत देती है जिससे उस परिवार को सहायता मिल सके।
लेकिन यह बीमा केवल एक तरह का नही होता, कुछ policy कवर के साथ-साथ सेविंग्स और निवेश के जरिए रिटर्न पाने का भी विकल्प देती है। बीमा कराने वाला व्यक्ति अपनी जरुरत के मुताबिक अपने लिए पॉलिसी का चुनाव कर सकता है।
LIC का Customer Service Number: 022 6827 6827 है जिससे आप LIC से जुड़ी हुई सभी जानकारी ले सकते हैं, तो आइए दोस्तों अब जानतें हैं जीवन बीमा पॉलिसी कितने प्रकार की होती है और यह क्या काम करती है।
जीवन बीमा के प्रकार (Types of Life Insurance)
भारत में 8 तरह की जीवन बीमा (Life Insurance) पॉलिसी उपलब्ध है तो आइए जानतें हैं।
1. टर्म इंश्योरेंस प्लान (Term Life Insurance)
यह प्लान एक निश्चित समय के लिए खरीदा जाता है, जैसे 10, 20 या 30 साल, इस प्लान में चुने गए एक टेनर यानी अवधि के लिए कवरेज मिलता है, ऐसी लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी में मैच्योरिटी बेनिफिट नहीं मिलता।
ये प्रॉफिट/सेविंग्स कंपोनेंट के बिना लाइफ कवर उपलब्ध कराती है और यह अन्य पॉलिसी की तुलना में सस्ती होती हैं, टर्म इंश्योरेंस में पॉलिसी टर्म के दौरान पॉलिसी धारक की मृत्यु हो जाने पर पॉलिसी के तहत एश्योर्ड सम यानी एक तय रकम हितभागी को दी जाती है।
2. मनीबैक इंश्योरेंस पॉलिसी (Moneyback Insurance Policy)
ये पॉलिसी एक तरह की एंडोमेंट पॉलिसी ही है, इस पॉलिसी में भी बीमा और निवेश का मेल है, अंतर इतना है कि इस लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी में बोनस के साथ एश्योर्ड सम पॉलिसी टर्म के दौरान ही किस्तों में वापस कर दिया जाता है।
आखिरी किस्त पॉलिसी खत्म होने पर मिलती है, अगर पॉलिसी टर्म के दौरान पॉलिसीधारक की मृत्यु हो जाती है तो पूरा एश्योर्ड सम बेनिफीशियरी को मिलता है, हालांकि इस पॉलिसी का प्रीमियम सबसे ज्यादा होता है।
3. एंडोमेंट पॉलिसी (Endowment Policy)
इस तरह की लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी में निवेश और बीमा दोनों होते हैं, इस पॉलिसी में एक निश्चित अवधि के लिए रिस्क कवर होता है और उस अवधि के खत्म होने के बोनस के साथ एश्योर्ड सम पॉलिसीधारक को वापस किया जाता है।
पॉलिसीधारक की मौत होने या निर्धारित सालों के बाद एंडोमेंट पॉलिसी के तहत पॉलिसी अमाउंट की फेस वैल्यू का भुगतान किया जाता है, कुछ पॉलिसी गंभीर बीमारी के मामले में भी भुगतान करती हैं।
4. सेविंग्स एंड इन्वेस्टमेंट प्लान्स (Savings and Investment Plans)
इस तरह का लाइफ इंश्योरेंस प्लान बीमा लेने वाले और उसके परिवार को भविष्य के खर्चों के लिए एकमुश्त फंड का भरोसा दिलाता है।
ऐसे प्लान शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म वित्तीय लक्ष्यों के लिए बेहतरीन सेविंग्स टूल तो उपलब्ध कराते ही हैं साथ ही इंश्योरेंस कवर के रूप में आपके परिवार को एक निश्चित धनराशि का आश्वासन भी देते हैं, इस प्रकार की लाइफ इंश्योरेंस कैटेगरी में ट्रेडिशनल और यूनिल लिंक्ड दोनों तरह के प्लान्स कवर होते हैं।
5. यूलिप (ULIP)
इस प्लान में भी निवेश और प्रोटेक्शन दोनों रहते हैं, ट्रेडिशनल यानी एंडोमेंट इंश्योरेंस पॉलिसी और मनीबैक पॉलिसी में मिलने वाला रिटर्न एक हद तक पक्का होता है।
वहीं यूलिप में रिटर्न की कोई गारंटी नहीं होती, इसकी वजह है कि यूलिप में निवेश वाले हिस्से को बॉन्ड और शेयर में लगाया जाता है और म्यूचुअल फंड की तरह आपको यूनिट मिल जाती है।
ऐसे में रिटर्न मार्केट के उतार-चढ़ाव पर बेस्ड होता है, हालांकि आप तय कर सकते हैं कि आपका कितना पैसा शेयर में लगे और कितना पैसा बॉन्ड में लगे।
6. आजीवन लाइफ इंश्योरेंस (Whole Life Insurance Plan)
आजीवन लाइफ इंश्योरेंस (Whole Life Insurance Plan) में आपको जीवनभर सुरक्षा मिलता है, मतलब पॉलिसी का कोई टर्म नहीं होता, पॉलिसीधारक की मृत्यु होने पर, नॉमिनी को बीमा का क्लेम मिलता है।
अन्य लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी में उम्र की एक मैक्सिमम लिमिट होती है, जो आमतौर पर 65-70 साल होती है, उसके बाद मौत होने पर नॉमिनी डेथ क्लेम नहीं ले सकता।
लेकिन आजीवन लाइफ इंश्योरेंस के तहत पॉलिसीधारक की मौत 95 साल की उम्र में ही क्यों न हुई हो, नॉमिनी क्लेम कर सकता है, इस पॉलिसी का प्रीमियम काफी ज्यादा रहता है।
इस पॉलिसी के तहत पॉलिसीधारक के पास इंश्योर्ड सम को आंशिक रूप से विदड्रॉ करने का विकल्प रहता है, इसके अलावा वह पॉलिसी के एवज में पैसा लोन के तौर पर भी ले सकता है।
7. चाइल्ड इंश्योरेंस पॉलिसी (Child Insurance Policy)
ये प्लान बच्चों की शिक्षा के खर्च और अन्य जरूरतों को देखते हुए डिजाइन किए गए हैं, चाइल्ड प्लान में पॉलिसीधारक की मृत्यु के बाद एकमुश्त रकम का भुगतान किया जाता है लेकिन पॉलिसी खत्म नहीं होती है।
भविष्य के सारे प्रीमियम माफ कर दिए जाते हैं और इंश्योरेंस कंपनी पॉलिसीधारक की ओर से निवेश जारी रखती है. बच्चे को एक निश्चित अवधि तक पैसा मिलता है।
8. रिटायरमेंट प्लान (Retirement Plan)
इस प्लान में लाइफ इंश्योरेंस कवर नहीं मिलता है, यह एक रिटायरमेंट समाधान प्लान है, इसके तहत आप अपने रिस्क का आकलन कर एक रिटायरमेंट फंड बना सकते हैं।
तय की गई एक अवधि के बाद आपको या आपके बाद हितभागी को पेंशन के तौर पर एक निश्चित रकम का भुगतान किया जाएगा। यह भुगतान मासिक, छमाही या सालाना आधार पर हो सकता है।
LIC का स्लोगन
एलआईसी का स्लोगन है योगक्षेमं वहाम्यहम जो की संस्कृत शब्द है। जिसका अर्थ है ”आपका कल्याण हमारी जिम्मेदारी है”, यह श्लोक भगवद गीता से लिया गया है। एलआईसी कंपनी ने इसका logo को देवनागरी लिपि में रखा गया है।
हमारे देश में साल 2019 तक एलआईसी के पास कुल 28.3 ट्रिलियन फंड्स थे । करीबन साल 2018 से 2019 में 21.4 मिलियन बीमा पॉलिसी बेचीं गई। एलआईसी वर्ष 2018 से 2019 तक देश में 26 मिलियन पॉलिसी क्लेम्स का सेटलमेंट किया गया है।
यहाँ पर तक़रीबन 290 मिलियन पॉलिसी होल्डर्स है। इस कंपनी के कुल 12 लाख के ऊपर की संख्या में बीमा एजेंट्स हैं, यह आंकड़ा साल 2020 का है।
FAQ
Q: LIC सरकारी है या प्राइवेट?
Ans: LIC एक सरकारी कंपनी है। जिसको पूरी तरह से भारत सरकार के द्वारा चलाया और मेन्टेन किआ जाता है।
Q: हमारे देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी कौन सी है?
Ans: हमारे देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी LIC है।
निष्कर्स-
इस तरह से आज आपको पता चल गया होगा की LIC (Life insurance corporation of India) का मालिक कौन है और साथ ही आज आपको और भी बहुत कुछ LIC के बारे में जानने को मिला होगा।
और अगर आपको और भी कुछ LIC के बारे में पता हो तो आप हमे निचे कमेंट बॉक्स के माध्यम से बता सकते हैं। इस लेख को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।
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