MRF का मालिक कौन है? MRF कहाँ की कंपनी है।

क्या आपको पता है की MRF का मालिक कौन है, MRF कंपनी का मालिक कौन है, और ये कहाँ की कंपनी है। तो दोस्तों आज इस लेख के माध्यम से आपको MRF कंपनी के बारे पूरी जानकारी मिलने वाली है, इस लेख को अच्छे से और पूरा पढ़ें।

आपके पास भी गाड़ी होगी, फिर वो चाहे 2 व्हीलर हो या फिर 4 व्हीलर, और उसमे आपको बहौत सारे काम भी करवाने पडते होंगे, तो अगर आपकी गाडी पुरानी है तो उसके टायर भी कभी न कभी ख़राब जरूर हुए होंगे या घिष गए होंगे, और आपको नए टायर लगवाने पड़े होंगे, एसे में आपने अलग-अलग कंपनी के टायर के दाम भी पता किये होंगे।

सभी अच्छे टायर कंपनी के दाम देख कर आपने अपनी गाडी में टायर लगवाए होंगे, तो जब आप अलग-अलग कंपनी के टायर के दाम पता कर रहे थे, तो आपने MRF टायर के बारे में भी जरूर पूछा होगा, या सायद लगवा लिआ होगा।

तो इस तरह से आप ये तो जानते ही हैं की MRF के टायर बनाने वाली कंपनी है, और ये अलग-अलग गाड़ियों के टायर बनाने का काम करती है।

आपने MRF का नाम भारत के क्रिकेट खिलाडी सचिन तेंदुलकर के बैट पर भी देखा होगा। या अब आप विराट कोहली के बैट पर भी MRF का स्टीकर देख सकते हैं।

तो इससे आपके मन में भी कभी न कभी ये सवाल आया होगा की, आखिर ये MRF का मालिक कौन है, ये कंपनी कहा की है, और ये कैसे और कब सुरु हुई थी। आज इस लेख में हम आपको MRF के बारे सभी जानकारी देने वाले हैं तो, चलिए जानते हैं।

MRF का मालिक कौन है?

mrf owner 371

MRF के मालिक केएम मैमन मापिल्लई (K. M. Mammen Mappillai) हैं। इसकी नींव आजादी से पहले रखी गई थी, सन 1946 में एमआरएफ की शुरुआत एक गुब्बारे बनानी वाली कंपनी के तौर पर हुई थी।

एम मैमन मापिल्लई ने आजादी से पहले सन 1946 में इसकी नींव रखी थी. केएम के पिता भी एक सफल कारोबारी थे लेकिन उन्होंने बहुत ही कठिन हालात में कंपनी शुरू की।

बताया जाता है कि त्रावणकोर के राजा ने आजादी की लड़ाई में शामिल होने की वजह से उनके पिता केसी मैमन मापिल्लई की सारी प्रॉपर्टी को जब्त कर लिया था। ऐसे में उनके सभी धंधे ठप हो गए थे. हालांकि, इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और गुब्बारे बनाने वाली कंपनी शुरू की।

टायर्स निर्माण के क्षेत्र में कुछ ही कंपनियां इससे आगे है। वर्तमान समय मे यह दुनिया की छटवी सबसे बड़ी Tyre Manufacturer कंपनी है, जबकि भारत मे यह पहले स्थान पर कायम है।

टायर्स के अतिरिक्त यह Toys, Sports Equipment, Conveyor Belt, Paints एवं Coats के व्यापार में भी संलग्न है। वर्तमान समय मे इसका मुख्यालय Chennai, Tamil Nadu में स्थित है तथा Rahul Mammen Mappillai इसके CEO है।

एमआरएफ कंपनी के बारे में (About MRF)

स्थापना1946
मुख्यालयचेन्नई
मालिककेएम मैमन मापिल्लई
सीईओके एम मम्मेन
मूल कंपनीMadras Rubber Factory
उत्पाद टायर्स निर्माण
वेबसाइट mrftyres

MRF कंपनी की शुरुआत कैसे हुई?

MRF कंपनी की शुरुआत आजादी के पहले 1946 को चेन्नई से हुई। शुरुआत में केएम खुद दुकान पर जाकर दुकानदारों को गुब्बारे बेचते थे। इसके बाद उनकी जिदंगी में अहम मोड़ आज़ादी के बाद आया। उन्होंने सन 1954 में ट्रेड रबड़ उत्पादन की ट्रेनिंग ली, इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

MRF 380131

सन 1962 में एमआरएफ ने टायर बनाना शुरू किया. सन 1964 में एमआरएफ टायर का अमेरिका को एक्सपोर्ट शुरू किया। इसके बाद सन 1973 में देश का पहला रेडियल टायर पेश किया। वेबसाइट पर दी गई जानकारी साल 2007 में कंपनी का कारोबार पहली बार एक अरब अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया. इसके बाद 4 साल कारोबार 4 गुना तक बढ़ गया।

कंपनी आज ट्यूब, बेल्ट, ट्रेड, हवाईजहाज तक के टायर बनाती है. एमआरएफ भारत की एकमात्र टायर निर्माता कंपनी है जो सुखोई 30 एमकेआई सिरीज के लड़ाकू विमानों के लिए टायर बनाती है। दुनिया के करीब 65 देशों को प्रोडक्ट एक्सपोर्ट किए जाते हैं।

1973 में इसने पहली बार Nylon Tyres का निर्माण किया। इस दौरान यह निगम दुनिया भर में अपनी पहचान बना चुका था। विदेशों से लेकर भारतीय कंपनिया अपनी कारो के लिये MRF के टायर्स को ही सबसे ज्यादा उपयुक्त मानती थी।

1979 में Mansfield Tire & Rubber Co ने MRF से अपनी साझेदारी समाप्त कर ली , जिसके बाद से इसको MRF Ltd के रूप में नया नाम मिल गया, जो आज तक जारी है।

हम लंबे समय से MRF का नाम “क्रिकेट के भगवान” कहलाये जाने वाले शख्स, सचिन तेंदुलकर के बल्ले पर लिखा देखते आ रहे है। जिसको वर्तमान समय मे Virat Kohli एवं AB de Villiers जैसे World Class Batsman, Endorse कर रहे है।

MRF कहाँ की कंपनी है?

MRF भारत की कंपनी है, जिसकी शुरुआत 1946 में चेन्नई से हुई थी। और जिसके मालिक केएम मैमन मापिल्लई (K. M. Mammen Mappillai) हैं। और जिसके सीईओ राहुल मैमन मापिल्लई (Rahul Mammen Mappillai) है।

यह कंपनी मुख्य रूप से Tyre Manufacturing का कार्य करती है। इस निगम की स्थापना 1946 में तमिलनाडु के Tiruvottiyur में हुई थी। पदम श्री जैसे प्रतिष्ठित सम्मान से नवाज़े गये K. M. Mammen Mappillai को MRF के संस्थापक के रूप में जाना जाता है। 

MRF का पूरा नाम, MRF का Full Form क्या है?

MRF का Full फॉर्म या MRF का पूरा नाम मद्रास रबर फैक्ट्री (Madras Rubber Factory) है। ये भारत की एक मल्टीनेशनल टायर बनाने वाली कंपनी है जिसने काफी छोटे लेवल से शुरुवात की और आज दुनियाभर में अपना नाम कमा रही है

एमआरएफ़ भारत की सबसे बड़ी टायर निर्माता कंपनी है. वहीं पूरी दुनिया में एमआरएफ़ का छठा स्थान है, और ये 65 से जड़ देशों में अपना कारोबार कर रही है।

MRF भारत का सबसे मॅहगा शेयर।

27 अप्रैल 1993 को MRF का आईपीओ आया था। एनएसई पर दी गई जानकारी के मुताबिक, सन 1993 में एमआरएफ का शेयर महज 11 रुपये का था। उस समय किसे ने इस शेयर में 1000 रुपये लगाए होते उसे 90 शेयर मिलते। जिनकी कीमत इस समय 90 लाख रुपये है।

IPO क्या है? IPO के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि शेयर में तेजी बड़े डिविडेंड की खबरों के चलते आई थी. लेकिन एमआरएफ ने महज 3 रुपये प्रति शेयर के डिविडेंड का ऐलान किया है।

इसीलिए शेयर में तेज मुनाफावसूली देखने को मिल रही है. गुरुवार को एमआरएफ का शेयर 8 फीसदी से ज्यादा लुढ़क गया।

कंपनी ने गुरुवार को अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के नतीजों का भी ऐलान किया है। इस दौरान कंपनी का मुनाफा 236.63 करोड़ रुपये से बढ़कर 511.72 करोड़ रुपये हो गया है. वहीं, इस दौरान कंपनी की आमदनी 4008.89 करोड़ रुपये से बढ़कर 4,567 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है।

FAQ

एमआरएफ किस देश की कंपनी है?

एमआरएफ भारत की कंपनी है, जिसकी शुरुआत 1946 में चेन्नई से हुई थी।

एमआरएफ का फुल फॉर्म क्या है?

एमआरएफ का फुल फॉर्म मद्रास रबर फैक्ट्री (Madras Rubber Factory) है।

निष्कर्ष-

इस तरह से अब आपको पता चल गया होगा की MRF का मालिक कौन है, और साथ ही इसके बारे में और भी बहौत सारी बाते आज आपको पता चली होंगी। आज हमे आपको MRF कंपनी के बारे में बहौत सारी जानकारी दी है। हम आसा करते हैं की ये लेख पढ़ कर आपको आज कुछ अच्छा जानने को मिला होगा।

अगर आपको भी MRF के बारे में कुछ पता हो, या फिर आप हमसे कुछ पूछना चाहते हों, तो निचे दिए गए कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। हम आपकी मदद करने की पूरी कोसिसि करेंगे।

इस लेख को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद, और अगर आपको ये लेख पसंद आया हो, तो इससे आपने दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर करें।

Also Read-

Go to Homepage >

Leave a Comment