हल्दीराम का मालिक कौन है? (Owner of Haldiram)

हल्दीराम मालिक का नाम- आपने हल्दीराम का नाम तो सुना हे होगा, आपने हल्दीराम का कोई न कोई प्रोडक्ट भी खरीदा होगा। लेकिन क्या आपको पता है की, Haldiram का मालिक कौन है? और हल्दीराम को कैसे और कब शुरू किआ गया था। आज आपको हल्दीराम के बारे में सभी चीज़ें पता चलेंगी।

दोस्तों आपको हर जगह हल्दीराम के प्रोडक्ट्स दिखाई दे देंगे, जैसे की हल्दीराम की नमकीन, मिठाई, और भी बहौत सारे एसे प्रोडक्ट्स हैं जो भी बहौत ज्यादा चलते हैं और सभी को बहौत पसंद आते हैं।

आज के समय में हिंदुस्तान के गली-गली मोहल्ले-मोहल्ले पर राज करता है। हमारे घरों के त्योहार इस हल्दीराम के बिना पूरे नहीं होते। हल्दीराम के बिना मानो ऐसा लगता हो जैसे कुछ अधूरा सा पीछे छूट गया हो। हल्दीराम आज दुनिया के 80 से भी ज्यादा देशों में अपनी पहुंच रखता है।

हल्दीराम भुजियाँ सेव, हल्दीराम की सोहन पपड़ी और अन्य कई प्रकार के नमकीन और स्नेक्स का स्वाद हमारी जुबान पर चढ़ा हुआ है। एक दुकान से शुरू हुई कंपनी अब देश की सबसे बड़ी स्नैक्स कंपनी गई है।

हल्दीराम ने पेप्सिको को पीछे छोड़कर देश की सबसे बड़ी स्नैक कंपनी का दर्जा दो दशक से अधिक समय के बाद वापस हासिल कर लिया है।

हल्दीराम भारत ही नहीं बल्कि विदेशो में भी अपने स्वाद के लिए काफी लोकप्रिय है। आइए आपको बताते हैं की, Haldiram का मालिक कौन है। साथ ही हल्दीराम के बारे में और भी कई जानकारी आज आपको हल्दीराम के बारे में देते हैं।

Haldiram का मालिक कौन है?

Haldiram का मालिक कौन है

Haldiram के मालिक गंगाबिशनजी जी अग्रवाल हैं। इन्होने हल्दीराम की शुरुआत साल 1937 में राजस्थान के जिले बीकानेर से की थी। और आज हल्दीराम दुनिया भर में अपना नाम बना चुका है।

साल 1937 में, जब गंगाबिशनजी जी अग्रवाल ने बीकानेर में एक छोटे से नाश्ते की दुकान खोली। गंगाबिशनजी जी की मेहनत की बदौलत वह दुकान भजियावाले के नाम से मशहूर हो गई।

उनको हल्दीराम के नाम से जाना जाता था। इसलिए दुकान का नाम हल्दीराम कर दिया गया, जो गंगाबिशनजी विषण जी का ही एक और नाम था।

गंगाबिशनजी जी अग्रवाल के बाद हल्दीराम कंपनी के मालिक शिवकिसन अग्रवाल हो गए। हल्दीराम के आगे की सफलता के पीछे सबसे बड़ा हाथ शिवकिसन का ही है।

सन 1941 में गंगाबिशनजी जी अग्रवाल बीकानेर और आस-पास के इलाकों में फेमस होने लगे थे। उन्हें कोलकाता और कई जगह से बड़े ऑर्डर मिलने लगे। धीरे-धीरे कारोबार तेजी पकड़ने लगा। उनके बाद उनकी अगली पीढ़ी ने कारोबार को संभालना शुरू किया।

हल्दीराम भुजिया के स्वाद के इतने कायल हो गए की वो बीकानेर की सभी नमकीन की दुकानों को भूल गए और तनसुख दास की दुकान पर जमा होने लग गए समय के साथ लोगो का प्यार मिलने के कारण इस छोटी सी भुजिया की दुकान से हल्दीराम का एक ब्रांड बन गया।

दोस्तों हल्दीराम नाम तनसुख दास के बेटे गंगाबिशन अग्रवाल का दूसरा नाम था क्योकि दोस्तों इनका ही वो आईडिया था जिसने बीकानेर के हर व्यक्ति पर अपने भुजिया का स्वाद चढ़ा दिया था और तब उन्हीं के नाम से इस बिजनेस का आगे बढ़ाने का फैसला किया गया।

हल्दीराम कंपनी के बारे में (About Haldiram)

स्थापना1937
मुख्यालयनागपुर
मालिकगंगाबिशनजी जी अग्रवाल
सीईओमनीष अग्रवाल
मूल कंपनीHaldiram Bhujiawala limited
उत्पाद नमकीन, मिठाई.ड्रिंक्स
वेबसाइट haldiram.com

हल्दीराम उत्पादों सूची (Haldiram Products List)

हल्दीराम के 400 से ज्यादा प्रोडक्ट हैं, जिनमे से सबसे ज्यादा चलने वाले प्रोडक्ट्स ये हैं-

  • नमकीन
  • मिठाई
  • ड्रिंक्स
  • हलके फुल्के
  • बनाना चिप्स
  • टकाटक
  • फ्रोजेन आइटम्स
  • फ्रोजेन थाली

इतने ही नहीं ऊपर जो प्रोडक्ट्स बताये गए हैं, इनसे भी ज्यादा प्रोडक्ट्स हैलीड्रम के आते हैं। और बहौत ज्यादा पसंद भी किये जाते हैं।

हल्दीराम के बारे में –

Haldiram का मालिक कौन है?

दुनिया के 80 देशों में बिकते हैं प्रोडक्ट्स- भारतीय कंपनी हल्दीराम के फूड प्रोडक्ट्स दुनिया के 80 से अधिक देशों में सप्लाई होते हैं. कई विदेशी सुपर मार्केट में भी इसके प्रोडक्ट्स उपलब्ध हैं।

भारत के कई शहरों में रेस्टोरेंट्स: भारत में हल्दीराम के रेस्टोरेंट्स भी खोले गए हैं. कंपनी के मुताबिक 3.8 बिलियन लीटर दूध, 80 मिलियन किलोग्राम बटर, 62 मिलियन किलोग्राम आलू और 60 मिलियन किलोग्राम शुद्ध घी हर साल रेस्टोरेंट्स में यूज किया जाता है। कंपनी के 30 तरह के नमकीन प्रोडक्ट्स मौजूदा समय में बाजार में हैं. इनमें सबसे मशहूर है आलू भुजिया हैं।

विषण जी अग्रवाल के पिता इस दुकान के जरिए भुजिया के काम में हाथ आजमाना चाह रहे थे। जैसा चाहा वैसा ही हुआ और देखते ही देखते पूरे शहर में विषण जी अग्रवाल के नाश्ते की दुकान ‘भुजियावाले’ के नाम से मशहूर हो गई।

इसके कई सालों बाद अपना बिजनेस आगे बढ़ाने के लिए हल्दीराम के बैनर तले दिल्ली में 1982 में उन्होंने अपनी एक दुकान खोली। हल्दीराम वास्तव में विषणजी का ही दूसरा नाम था। दिल्ली में एक के बाद दो दुकानें खोली गईं। अब बिजनेस आगे बढ़ने लगा था।

धीरे-धीरे उन्होंने भारत के बाहर भी अपने प्रोडक्ट भेजने शुरू कर दिए। देखते ही देखते देश ही नहीं दुनिया के कई देशों में हल्दीराम के उत्पाद बिकने लगे। इसके पीछे की सबसे खास वजह थी उनके प्रोडक्ट की क्वालिटी।

हल्दीराम, नागपुर के चेयरमैन, एमडी शिवकिशन अग्रवाल बताते हैं कि दादा जी के कारोबार के शुरू किए कारोबार को रफ्तार देने के लिए उन्होंने 1970 में पहला स्टोर नागपुर में और सन 1982 में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दूसरा स्टोर खोला। इसके बाद कोलकाता में कारोबार का विस्तार शुरू हो गया।

आज की तारीख में हल्दीराम में सालाना 3.8 अरब लीटर दूध, 80 करोड़ किलो मक्खन, 62 लाख किलो आलू और तकरीबन 60 लाख किलो शुद्ध देशी घी की खपत है।

आज परिवार अलग हो गया है लेकिन बिजनेस अपनी जगह बना हुआ है क्योंकि इसने जीता है अपने ग्राहकों का भरोसा, विश्वास और दिखाई थी हिम्मत तिनके से पहाड़ जोड़ने की।

दिल्ली में पहली बार सन 1996 में मैकडोनल्ड का पहला स्टोर खुला था। लेकिन अगले 10 साल में ही देश के अन्य हिस्सों में भी तेजी से मैकडोनल्ड का विस्तार हुआ।

उस समय मैकडोनल्ड ने कई घरेलू कंपनियां जैसे नरुला के बाजार को ठंडा कर दिया। हालांकि, मौजूदा समय में मैकडोनल्ड देश में अपनी पहचान बचाने के लिए बड़े प्रयास कर रहा है।

भारतीय कंपनी हल्दीराम के फूड प्रोडक्ट्स दुनिया के 80 से अधिक देशों में सप्लाई होते हैं. कई विदेशी सुपर मार्केट में भी इसके प्रोडक्ट्स उपलब्ध हैं। ब कंपनी के रेवेन्यू में 80 फीसदी से ज्यादा योगदान पैकेज्ड प्रॉडक्ट्स का है।

ट्रेडिशनल स्नैक्स मार्केट में मार्केट लीडर हल्दीराम पांच रीजनल कॉम्पिटिटर्स-बालाजी वेफर्स, प्रताप स्नैक्स, बीकानेरवाला, बीकाजी फूड्स और डीएफएम फूड्स से भी बड़ी है।

FAQ

Q: हल्दीराम कंपनी कहां पर है?

Ans: हल्दीराम की शुरुआत साल 1937 में राजस्थान के जिले बीकानेर से हुई थी। और आज हल्दीराम दुनिया भर में अपना नाम बना चुका है।

Q: हल्दीराम के प्रोडक्ट कौन-कौन से हैं?

Ans: हल्दीराम के 400 से ज्यादा प्रोडक्ट हैं जिनमें ककुीज़, अचार, शरबत, पारंपरिक पॉपुलर नमकीन जैसे कि भुजिया, भारतीय मिठाई और पापड़ शामिल हैं

निष्कर्ष-

तो दोस्तों अब पको पता चल गया होगा की Haldiram का मालिक कौन है? और साथ ही आज आपको हल्दीराम के बारे में और भी कई बाते पता चली होंगी, अगर आपको भी हल्दीराम के बारे में और कोई जानकारी हो, तो आप हमारे साथ निचे कमेंट बॉक्स के माध्यम से जरूर शेयर करें।

अगर आपको ये लेख पसंद आया हो, और इसी आपको आज कुछ सीखने को मिला हो तो इसे आपने दोस्तों के साथ आपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में भी जरूर शेयर करें, और उन्हें भी Haldiram के मालिक करने के बारे में जानकारी दें।

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