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आजकल सभी कुछ ऑनलाइन होगया हैं, और हमने कुछ भी ऑनलाइन देखना होता हैं तो हम अपने मोबाइल या लैपटॉप का इस्तेमाल करते हैं। आजकल हमारी एसी आदत होगयी हैं की हम अपने लैपटॉप या मोबाइल से ज्यादा देर दूर नहीं रह सकते हैं।
और मोबाइल या लैपटॉप चलाते समय अगर हमारे शरीर में किसी चीज़ का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता हैं तो वो होता हैं आंखों का। उसी तरह से हम ऑनलाइन जैसे सभी चीज़ें खरीदते हैं, वैसे ही आखों के लिए चश्मे भी जरुरी होते हैं जिन्हे भी हम ऑनलाइन खरीद सकते हैं।
दोस्तों लेंसकार्ट की गिल्टी देश के अच्छे और सक्सेस्फुल स्टार्टअप्स में की जाती ही। ये एक बड़ा यूनिकॉर्न स्टार्टअप हैं। और ये जो काम कर रहे हैं इसके पीछे बहौत सारे और भी लोग इनका साथ दे रहे हैं।
आइए जानते हैं की Lenskart का मालिक कौन हैं, और साथ ही कंपनी के बारे में और भी जानकारी हम आपको आगे देते हैं।
Table of Contents
Lenskart का मालिक कौन है?
Lenskart के मालिक पीयूष बंसल और अमित चौधरी हैं। इन्होने लेंसकार्ट की शुरुआत 2010 में फरीदाबाद, हरियाणा से की थी।
लेंसकार्ट के देश भर में 70 शहरों में 500 से ज्यादा स्टोर हैं और 4 हज़ार से ज्यादा कर्मचारी कंपनी में काम करते हैं।
देश के महानगरों से लेकर मध्यम व छोटे शहरों तक पहुंचने के बाद अब Lenskart सिंगापुर, पश्चिम एशिया और अमेरिका में भी अपनी टीम को बढ़ा रही है।
लेंसकार्ट कंपनी के बारे में (About Lenskart)
स्थापना | 2010 |
मुख्यालय | नई दिल्ली |
मालिक | पीयूष बंसल |
सीईओ | पीयूष बंसल |
मूल कंपनी | Valyoo Technologie |
उत्पाद | ऑनलाइन चश्मे |
वेबसाइट | lenskart.com |
कैसे हुई lenskart की शुरुआत?
लेंसकार्ट की शुरुआत साल 2010 में पीयूष बंसल (Peyush Bansal) ने की थी। पीयूष साल 2007 तक यूएस में माइक्रोसॉफ्ट कंपनी में एक अच्छे पैकेज की नौकरी कर रहे थे। बढ़िया सैलेरी के बावजूद पीयूष कुछ अलग करना चाहते थे।
IIM बैंगलोर से पढ़ाई करने के बाद उनके मन में तमाम आइडियाज थे, लेकिन नौकरी के साथ वह उन पर काम नहीं कर पा रहे थे।
2007 में पीयूष ने तय किया कि अब अपने देश जाकर सपनों को उड़ान देंगे। उनके इस फैसले से परिवार और दोस्त हैरान थे, काफी समझाने के बाद पीयूष नहीं माने और हिंदुस्तान आ गए।
का अनुभव नहीं था। उन्होंने बिजनेस से जुड़े सभी पहलुओं का कैलकुलेशन किया, यही कारण था कि उनका प्रयोग सफल रहा। दिल्ली के रहने वाले पीयूष ने कनाडा से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है।
पीयूष, जब भारत लौटे तो यहां उस वक्त ई-कॉमर्स का बाजार पनप रहा था। मार्केट को समझने के लिए उन्होंने एक क्लासिफाइड वेबसाइट ‘सर्च माइ कैंपस’ शुरू की।
यहां छात्रों को किताबें, हॉस्टल, पार्ट टाइम जॉब और कारपुल जैसी चीजें ढूंढने में मदद की जाती थी।
तीन साल तक पीयूष इस प्रोजेक्ट पर काम करते रहे और इसके जरिए इंडियन कस्टमर का बिहेवियर और रिक्वायरमेंट रीड करते रहे।
तीन साल बाद ग्राहकों की जरूरतों को समझते हुए पीयूष बंसल ने चार अलग-अलग वेबसाइट्स लॉन्च की। इनमें से आईवियर एक थी।
बाकी की तीन कंपनियां यूथ को टारगेट करते हुए ज्वेलरी, घड़ी और बैग्स की थी। रिस्पॉन्स को देखते हुए उन्होंने आईवियर पर फोकस किया और लेंसकार्ट की सफलता यहीं से शुरू होने लगी।
लोकल-ग्लोबल के कॉन्सेप्ट को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने देश के छोटे बड़े शहरों में आउटलेट्स खोलने शुरू किए, जहां हर रेंज के चश्मों के साथ आंखों के चेकअप की सुविधा भी दी जाने लगी।
साथ ही इन चश्मों को ऑनलाइन मार्केट में बेचना शुरू किया गया और ‘आई टेस्ट एट योर होम’ कॉन्सेप्ट को भी पहचान दिलाई।
पीयूष बंसल के बारे में।
पीयूष बंसल का जन्म , दिल्ली मेट्रोपोलिटन सिटी में हुआ और स्कूल के शुरुवाती साल इन्होंने भारत से किया है। उसके बाद इन्होंने McGill University Montreal में पढ़ाई की जो Canadian province of Quebec में स्थित है।
स्पेशलाइजेशन में इन्होंने, मैकगिल विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग ऑनर्स, इलेक्ट्रिकल – आईटी, कंट्रोल एंड ऑटोमेशन साल 2002 से 2006 में पूरा किया।
फंडिंग भी मिली।
इस यूनिक कॉन्सेप्ट को देखते हुए लेंसकार्ट को कई बड़े इंवेस्टर्स मिले। जिसमें केकेआर, सॉफ्टबैंक विजन फंड, प्रेमजीइन्वेस्ट और आईएफसी शामिल हैं।
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