क्या आपको पता है की Infosys का मालिक कौन है? Infosys कंपनी को किसने शुरू किआ था? आज हम आपको इंफोसिस कंपनी के बारे में बहौत सारी चीज़ें बताने वाले हैं, जिससे आपको बहौत कुछ जानने को मिलेगा।
भारत की कामयाबी में इंफोसिस का भी बहौत बड़ा हाथ है। बहौत सारे लोगों को रोज़गार देने में इंफोसिस कंपनी का बहौत बड़ा योगदान है।
Infosys सिर्फ भारत की ही नहीं बल्कि दुनिया में भी सबसे अच्छी आईटी कंपनी में से एक है, जिसके बनाये गए Software दुनिया भर में है। और बहौत सारे लोगों को रोज़गार देने में भी इंफोसिस कंपनी का योगदान है।
इंफोसिस आईटी सेक्टर में जॉब देने वाली एक बड़ी कंपनी हो गई है. यह कंपनी बड़े पैमाने पर रिसर्चर और सॉफ्टवेयर इंजीनियर, प्रोजेक्ट मैनेजर और बिजनेस डेवलपमेंट के लिए हायर करती है। इस कंपनी की इंजीनियर्स की औसतन सैलरी 3-4 लाख प्रति वर्ष के आस-पास होती है।
भारत की सभी कंपनियों की सफलता इन कंपनियों की (Market Capitalization) बाज़ार पूंजीकरण पर निर्भर करती है| मार्केट कैपिटलाइजेशन को कंपनी के शेयरों के मौजूदा बाजार मूल्य (Market Price) के Product के रूप में देखा जा सकता है, जिसमें Total Outstanding Stocks होता है।
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Infosys का मालिक कौन है?
Infosys के मालिक एन आर नारायण मूर्ति हैं। इन्होने इंफोसिस की शुरुआत 7 July 1981 को पुणे से की थी।
इनके साथ और छह अन्य लोग थे: नंदन निलेकानी, एनएसराघवन, क्रिस गोपालकृष्णन, एस डी.शिबुलाल, के दिनेश और अशोक अरोड़ा, राघवन के साथ आधिकारिक तौर पर कंपनी के पहले कर्मचारी थे।
मूर्ति ने अपनी पत्नी सुधा मूर्ति (Sudha Murthy) से 10,000 रुपये लेकर कम्पनी की शुरुआत की थी।
आज के समय में इंफोसिस कंपनी का टर्नओवर 93,594 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का है। और ये देश की टॉप फाइव कंपनी में भी सुमार है।
सभी साथियों की कड़ी मेहनत रंग लाई और 1991 में इन्फ़ोसिस पब्लिक लिमिटेड कम्पनी में तब्दील हुई। गुणवत्ता का प्रतीक SEI-CMM हासिल किया।
1999 में वो स्वर्णिम अवसर आया और इन्फ़ोसिस ने इतिहास रचा, जब कम्पनी के शेयर अमरीकी शेयर बाज़ार NASDAQ में रजिस्टर हुए।
इन्फ़ोसिस ऐसा कर दिखाने वाली पहली भारतीय कम्पनी थी। नारायणमूर्ति 1981 से लेकर 2002 तक कम्पनी मुख्य कार्यकारी निदेशक रहे।
2002 में उन्होंने कमान अपने साथी नन्दन नीलेकनी को थमा दी, लेकिन फिर भी इन्फ़ोसिस कम्पनी के साथ वे मार्गदर्शक के दौर पर जुड़े रहे। नारायणमूर्ति 1992 से 1994 तक नास्काम के भी अध्यक्ष रहे।
इंफोसिस कंपनी के बारे में (About Infosys)
स्थापना | 7 July 1981 |
मुख्यालय | बेंगलुरु |
मालिक | एन आर नारायण मूर्ति |
सीईओ | सलिल पारेख |
मूल कंपनी | Infosys |
उत्पाद | आईटी और सॉफ्टवेयर कंपनी |
वेबसाइट | infosys.com |
नारायण मूर्ति के बारे में
का पूरा नाम नागावर रामाराव नारायण मू्र्ति है। इनका जन्म 20 अगस्त, 1946 को कर्नाटक के चिक्काबालापुरा ज़िले के शिद्लाघट्टा में हुआ था। नारायण मूर्ति का जन्म दक्षिण भारत के अति साधारण परिवार में हुआ था।
स्कूली से अपनी शिक्षा ख़त्म करने के बाद उन्होंने मैसूर विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की और आई आई टी कानपुर से एमटेक किया। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान नारायण मूर्ति ने कई तरह के आर्थिक संकट का सामना किया।
इन कठिन हालातों में नारायणमूर्ति के शिक्षण डॉ. कृष्णमूर्ति ने बहुत मदद की। बाद में नारायणमूर्ति ने आर्थिक सुधरने पर उनके नाम से फेलोशिप शुरू की।
एन. आर. नारायणमूर्ति ने अपने करियर की शुरुआत इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट अहमदाबाद में चीफ सिस्टम्स प्रोग्रामर के तौर पर की।
वहां उन्होंने भारत के प्रथम टाइम-शेयरिंग कंप्यूटर सिस्टम पर कार्य किया और इलेक्ट्रॉनिक कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड के लिए BASIC इन्त्रेप्रेटर लागू किया।
इसके बाद उन्होंने एक कंपनी ‘सॉफट्रोनिक्स’ की स्थापना की जो सफल नहीं हो सकी फिर उन्होंने डेढ़ साल बाद पाटनी कंप्यूटर सिस्टम्स पुणे में नौकरी कर ली।
यहाँ पर उनकी मुलाकात नंदन निलेकणी और अन्य लोगों से हुई जिनके साथ मिलकर उन्होंने सन 1981 में इंफोसिस की स्थापना की।
नारायण मूर्ति की उपलब्धियाँ (List of Narayana Murthy awards and achievements)–
नारायण मूर्ती ने अपने जीवन में निम्न उपलब्धियाँ हासिल की-
साल | अवार्ड का नाम | अवार्ड देने वाले संगठन |
2000 | पद्मा श्री अवार्ड | भारत सरकार द्वारा |
2003 | साल के एर्न्स्ट एवं युवा विश्व उद्यमी अवार्ड | जूरी साल के एर्न्स्ट एवं युवा विश्व उद्यमी द्वारा |
2007 | IEEE एर्न्स्ट वेबर इंजीनियरिंग लीडरशिप मान्यता | इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक इंजिनियर्स की संस्थान द्वारा |
2007 | CBE (कमांडर ऑफ़ दी ऑर्डर ऑफ़ दी ब्रिटिश एम्पायर) अवार्ड | यूनाइटेड किंगडम सरकार द्वारा |
2008 | सेना के अधिकारी के ऑनर | फ़्रांस सरकार द्वारा |
2008 | पद्मा विभूषण अवार्ड | भारत सरकार द्वारा |
2009 | कॉर्पोरेट नागरिकता के लिए वुडरो विल्सन पुरस्कार | विद्वानों के लिए वुडरो विल्सन इंटरनेशनल सेंटर द्वारा |
2010 | IEEE आनरेरी मेम्बरशिप अवार्ड | इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक इंजिनियर्स की संस्थान द्वारा |
2011 | भारत के NDTV इंडियन ऑफ़ दी ईयर्’स आइकॉन अवार्ड | NDTV द्वारा |
2012 | हूवर मैडल | मैकेनिकल इंजिनियर्स की अमेरिकन सोसाइटी द्वारा |
2013 | साल के परोपकारीअवार्ड’ | दी एशियाई अवार्ड्स द्वारा |
2013 | सायाजी रत्न अवार्ड | बड़ौदा मैनेजमेंट एसोसिएशन, वड़ोदरा द्वारा |
2013 | 25 महानतम ग्लोबल इंडियन रहने वाले महापुरुष अवार्ड | NDTV द्वारा |
2016 | साल के परोपकारी अवार्ड | दी एशियाई अवार्ड्स द्वारा |
इंफोसिस का सफस।
- 1981: को स्थापना की गई।
- 1983: इसके मुख्यालय को कर्नाटक की राजधानी बैंगलोर में स्थापित कर दिया गया।
- 1987: इसे अपना पहला विदेशी ग्राहक मिला, यह था संयुक्त राज्य अमेरिका से डाटा बेसिक्स कोर्पोरेशन.
- 1992: इसने बोस्टन में अपना पहला ओवरसीज बिक्री कार्यालय खोला.
- 1993: यह भारत में 13 करोड़ रुपए के प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव के साथ एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी बन गई।
- 1996: यूरोप मिल्टन केंस , ब्रिटेन में प्रथम कार्यालय.
- 1997: टोरंटो, कनाडा में कार्यालय.
- 1999: NASDAQ पर सूचीबद्ध.
- 1999: इसने स्तर 5 की SEI-CMM रैंकिंग प्राप्त की और NASDAQ पर सूचीबद्ध होने वाली पहली भारतीय कम्पनी बन गई।
- 2000: फ्रांस और हांगकांग में कार्यालय खोले.
- 2001: संयुक्त अरब अमीरात और अर्जेन्टीना में कार्यालय खोले.
- 2002: नीदरलैंड, सिंगापुर और स्विट्ज़रलैंड में नए कार्यालय खोले.
- 2002: बिज़नस वर्ल्ड ने इन्फोसिस को “भारत की सबसे सम्मानित कंपनी” कहा।
- 2002: इसने अपने बीपीओ (बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग) सहायक Progeon (Progeon) की शुरुआत की.[6]
- 2003: इसने एक्सपर्ट इन्फोर्मेशन सर्विसेज Pty लिमिटेड, ऑस्ट्रेलिया की 100% इक्विटी प्राप्त की और अपने नाम को बदल कर इन्फोसिस ऑस्ट्रेलिया Pty लिमिटेड कर दिया.
- 2004: इन्फोसिस परामर्श इन्कोर्पोरेशन की स्थापना की, यह कैलिफोर्निया, अमेरिका में अमेरिका परामर्श सहायक है।
- 2006: NASDAQ शेयर बाजार ओपनिंग बेल को घेरने वाली पहली भारतीय कम्पनी बन गई।
- 2006: अगस्त 20, एनआरनारायण मूर्ति अपने कार्यकारी अध्यक्ष के पद से सेवानिवृत हो गए।
- 2006: सिटी बैंक बीपीओ शाखा Progeon में 23% हिस्सेदारी अर्जित की, इससे यह इन्फोसिस की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक बन गई और इसका नाम बदल कर इन्फोसिस बीपीओ लिमिटेड)[8]
- 2006: दिसम्बर, इसे Nasdaq 100 बनाने वाली पहली भारतीय कम्पनी बन गयी।
- 2007: 13 अप्रैल नंदन निलेकानी सीईओ के पद पर आ गए। और जून 2007 में क्रिस गोपालकृष्णन के लिए उनकी कुर्सी पर कब्जा करने के लिए रास्ता बना दिया।
- 2007:25 जुलाई रोयल फिलिप्स इलेक्ट्रोनिक्स (Royal Philips Electronics) से इन्फोसिस फायनांस व एकाउंटिंग क्षेत्र की सेवा में अपने यूरोपियन परिचालन को मजबूत बनाने के लिए कई अरब डॉलर में करार करता है।
- 2007: सितम्बर, इन्फोसिस ने एक पूर्णतः स्वामित्व वाली लैटिन अमेरिकन (Latin America) सहायक इन्फोसिस टेक्नोलॉजीज एस डी आर की स्थापना की.L. de C.वी. और मॉन्टेरी (Monterrey), मेक्सिको में लैटिन अमेरिका (Latin America) में अपना पहला सॉफ्टवेयर विकास केन्द्र खोला.
Infosys का CEO कौन है?
इंफोसिस के सीईओ Salil Parekh (सलिल पारेख) हैं। ये सीईओ के साथ-साथ कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर भी हैं। इन्होने इंफोसिस के सीईओ का पद 2 January 2018 को सम्हाला था।
इंफोसिस कंपनी क्या काम करती है?
इंफोसिस एक सॉफ्टवेयर और आई टी कंपनी है। इंफोसिस अपनी औद्योगिक व्यापार इकाइयों (IBU) के माध्यम से विभिन्न उद्योगों की सेवाएं प्रदान करता है, जिनमे निचे दीगयी सुविधाएं मौजूद हैं।
- संचार मीडिया और मनोरंजन (CME)
- बैंकिंग एवं पूंजी बाजार (BS M)
- एयरोस्पेस और एविओनिक्स
- ऊर्जा, सुविधाएँ और सेवाएँ (EUS)
- बीमा, हेल्थकेयर और जीवन विज्ञान (IHL)
- विनिर्माण (MFG)
- उत्पाद इंजीनियरिंग और मान्यकरण सेवाएं (PEVS)
- खुदरा, उपभोक्ता उत्पाद सामान और रसद (RETL)
- नए विकास इंजन (NGE)
- भारत बिजनेस ईकाई (इंडस्ट्रीज़)
- इन के अलावा, कई क्षैतिज व्यावसायिक इकाइयां (HBUs) हैं।
- एंटरप्राइज समाधान (ई एस) (ESAP & ESX)
- बुनियादी प्रबंधन सेवायें (IMS)
- सिस्टम एकीकरण (SI)
FAQ
Q: इंफोसिस कंपनी क्या काम करती है?
Ans: इंफोसिस एक मल्टीनेशनल कंपनी है, जो की बिज़नेस कंसल्टिंग, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी और आउटसोर्सिंग सर्विसेज जैसे काम करती है।
Q: इंफोसिस की स्थापना कब हुई?
Ans: इंफोसिस की स्थापना 7 July 1981 को पुणे में हुई थी।
निष्कर्ष –
आज आपको इस लेख के माध्यम से जानने को मिला होगा की, Infosys का मालिक कौन है, और साथ हे आज आपको इंफोसिस कंपनी और नारायण मूर्ति के बारे में भी और भी बहोत साड़ी चीज़ें जानने को मिली होगी।
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