Tata ka malik kaun hai, Tata Company Ka Malik kaun hai, Tata group ka owner kaun hai, टाटा का मालिक कौन है, टाटा ग्रुप का मालिक कौन है।
नमस्कार दोस्तों, आज हम आप लोगों को बताने वाले है टाटा ग्रुप का मालिक कौन है तो ओर टाटा कंपनी कौनसे कौनसे प्रॉडक्ट मार्केट में बेचती है तो आइये थोड़ा विस्तार से बताते हैं।
टाटा ग्रुप भारत के सबसे बड़े निजी व्यवसायिक ग्रुप में से एक है, जिसका मुख्यालय मुंबई में स्थित है।
आज के समय में टाटा एक ऐसा नाम बन चुका है जिसे किसी की पहचान की ज़रूरत नहीं है साथ ही में आपको ये भी बता दे यह एक ऐसा समूह है जो लोगों के साथ बिज़नस के रूप में तो जुड़ा ही है साथ ही इस टाटा ग्रुप से कई लोगों की भावनाएं भी जुडी हुई हैं।
टाटा ग्रुप के बारे में हम आए दिन अख़बार और सोशल मीडिया पर सुनते ही रहते हैं। और इस कारण ही हम टाटा के बारे में काफी बातें जानते भी हैं।
लेकिन हम आपको बता दें कि अब भी टाटा ग्रुप के बारे में कई ऐसी बाते हैं जिनसे आप अंजान होंगे, तो चलिए अब हम जानते हैं टाटा ग्रुप के बारे में सभी बातें एक दम विस्तार के साथ।
Table of Contents
TATA का मालिक कौन है?
Tata के मालिक रतन नवल टाटा हैं। वे 1990 से 2012 तक टाटा ग्रुप के अध्यक्ष रह चुके हैं, अक्टूबर 2016 से फरवरी 2017 तक अंतरिम अध्यक्ष के रूप में भी कार्यरत थे। वह Tata ग्रुप के धर्मार्थ ट्रस्टों के प्रमुख बने रहे।
एक सफल बिजनेसमैन और उत्तम व्यक्तित्व के धनी माने जाने वाले रतन टाटा को साल 2000 में भारत सरकार ने उद्योग एवं व्यापार क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया है। रतन टाटा ने टाटा ग्रुप को सफलता की राह पर ले जाने के लिए काफी मेहनत की है।
वे करीब 50 से भी अधिक सालों से टाटा समूह के साथ खड़े हैं। यह नहीं वे 21 साल तक टाटा के चेयरमैन भी रहे चुके हैं।
TATA कंपनी के बारे में (About Tata Group)
स्थापना | 1868 |
मुख्यालय | मुंबई, महाराष्ट्र |
संस्थापक | जमसेटजी टाटा |
सीईओ | नटराजन चंद्रशेखरन |
मूल कंपनी | Tata Sons |
वेबसाइट | tata.com |
एक मल्टीनेशनल ब्रांड के रूप में खुद को स्थापित कर चुके टाटा ग्रुप की स्थापना साल 1868 में जमशेदजी टाटा ने की थी। जमशेदजी टाटा का जन्म 3 मार्च 1839 को हुआ था और उनका निधन 19 मई 1904 को हुआ था।
टाटा ग्रुप आज भारत के सबसे बड़े ग्रुप के रूप में भी जाना जाता है। यह जगह बनाने के लिए टाटा ने कई वैश्विक कंपनियों को खरीदा है। जिसके बाद टाटा ग्रुप को इंटरनेशनल मान्यता मिली है।
टाटा समूह के अध्यक्ष नटराजन चंद्रशेखरन हैं. टाटा ग्रुप के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा रहे और उनका का नाम देश के टॉप बिजनेसमैन की लिस्ट में शामिल है।
रतन टाटा ने सायरस मिस्त्री को टाटा समूह का नया उत्तराधिकारी बनाया था लेकिन कुछ कारणों के चलते उनका यह पद चला गया। जिसके बाद नटराजन चंद्रशेखरन को टाटा का चेयरमैन बनाया गया।
रतन टाटा के बारे में (About Ratan Tata)
रतन नवल टाटा, जिनका जन्म 28 दिसम्बर 1937 मुंबई भारत में हुआ था। वह नवल टाटा के बेटे हैं, जो सूरत में पैदा हुए थे और बाद में टाटा परिवार में गोद लिए गए थे, और टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा की भतीजी सूनी टाटा थे।
टाटा के जैविक दादा, होर्मुसजी टाटा, रक्त से टाटा परिवार के सदस्य थे। 1948 में, जब टाटा 10 वर्ष के थे, तब उनके माता-पिता अलग हो गए थे, और बाद में उन्हें नवाजबाई टाटा, उनकी दादी और रतनजी टाटा की विधवा ने पाला और गोद लिया।
वह 8 वीं कक्षा तक मुंबई के कैंपियन स्कूल गए, फिर आगे की शैक्षणिक गतिविधियों के लिए बॉम्बे में कैथेड्रल और जॉन कॉनन स्कूल और शिमला में बिशप कॉटन स्कूल चले गए, उन्होने शैक्षणिक शिक्षा समाप्त करने के बाद, 1955 में, न्यूयॉर्क शहर में स्थित रिवरडेल कंट्री स्कूल से आर्किटैक्चर की उपाधि प्राप्त की।
कॉर्नेल विश्वविद्यालय में चार साल के बाद, उन्होंने वास्तुकला में आर्किटैक्चर की उपाधि प्राप्त की।जब वह केवल दस वर्ष के थे, तब उनके माता-पिता का तलाक हो गया, और कॉलेज से आर्किटैक्चर होने के बाद, वह परिवार वाली कंपनी में सक्रिय रूप से शामिल हो गए, जब उनका पालन-पोषण उनकी दादी ने किया।
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1962 में, उन्होंने टाटा स्टील में एक कर्मचारी के रूप में अपनी नौकरी शुरू की, जहाँ उन्होंने अपने परिवार की कंपनी के बारे में बहुत कुछ सीखा ओर जाना की उनकी कंपनी में काम कैसे होता है ।
रतन नवल टाटा वर्तमान में टाटा समूह के मूल संगठन टाटा संस के कार्यकारी अध्यक्ष हैं, जो टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाटा मोटर्स, टाटा पावर, इंडियन होटल्स, टाटा स्टील और टाटा टेलीसर्विसेज का मालिक है।
वह कई वर्षों तक अपने क्षेत्र में छाए रहे और अभी भी पूरी शिद्दत से अपना योगदान दे रहे हैं। वह 1990 से 2012 तक टाटा समूह के अध्यक्ष और अक्टूबर 2016 से 2017 तक अंतरिम अध्यक्ष रहे और उसके बाद, उन्होंने कंपनी के चैरिटी ट्रस्टों का प्रबंधन किया।
उन्हें 2008 में पद्म विभूषण और 2000 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था, जो भारत के दो सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार में से एक है।
21 वर्षों की उनकी देखरेख के दौरान टाटा समूह सबसे अधिक समृद्ध हुआ, राजस्व में 40% की वृद्धि हुई और लाभ में 50% की वृद्धि हुई। जगुआर, टेटली जैसे प्रमुख बहुराष्ट्रीय निगमों में उनका साहसिक निवेश रहा है
आजीविका (Career)
1970 के दशक में, टाटा को टाटा समूह में एक प्रबंधकीय पद दिया गया था। उन्होंने सहायक राष्ट्रीय रेडियो और इलेक्ट्रॉनिक्स (NELCO) को चालू करके शुरुआती सफलता हासिल की, लेकिन आर्थिक मंदी के दौरान यह टूट गया।
1991 में, जे.आर.डी. टाटा ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी नामित करते हुए टाटा संस के अध्यक्ष के रूप में पद छोड़ दिया।
प्रारंभ में, Tata को विभिन्न सहायक कंपनियों के प्रमुखों से कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ा, जिनके पास वरिष्ठ टाटा के कार्यकाल में बड़ी मात्रा में परिचालन स्वतंत्रता थी।
जवाब में, टाटा ने शक्ति को मजबूत करने के लिए डिज़ाइन की गई कई नीतियों को लागू किया, जिसमें सेवानिवृत्ति की आयु के कार्यान्वयन, सहायक कंपनियों को सीधे समूह कार्यालय को रिपोर्ट करना और टाटा समूह ब्रांड के निर्माण के लिए अपने लाभ का योगदान करने के लिए सहायक कंपनियों की आवश्यकता शामिल है।
टाटा ने इनोवेशन को प्राथमिकता दी और युवा प्रतिभाओं को कई जिम्मेदारियां सौंपी। उनके नेतृत्व में, सहायक कंपनियों के बीच अतिव्यापी संचालन को कंपनी-व्यापी संचालन में सुव्यवस्थित किया गया, साथ ही वैश्वीकरण को लेने के लिए समूह असंबद्ध व्यवसायों से बाहर निकल गया।
जब उन्होंने कंपनी की कमान संभाली, तो बिक्री में भारी मात्रा में कमोडिटी की बिक्री शामिल थी, लेकिन उनके कार्यकाल के अंत में, अधिकांश बिक्री ब्रांडों से हुई। उन्होंने टाटा टी को टेटली, टाटा मोटर्स ने जगुआर लैंड रोवर और टाटा स्टील ने कोरस को खरीदा था।
इन अधिग्रहणों ने टाटा को बड़े पैमाने पर भारत-केंद्रित समूह से एक वैश्विक व्यवसाय में बदल दिया, जिसमें 65% से अधिक राजस्व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संचालन और बिक्री से आता है।
विवाद (Controveries)
मई 2006 में, रतन टाटा ने पश्चिम बंगाल के सिंगूर में एक छोटी कार, नैनो के निर्माण की योजना की घोषणा की, जिस दिन राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ ली थी।
जल्द ही, स्थानीय किसानों ने विरोध करना शुरू कर दिया और राज्य सरकार पर जबरन उनकी जमीन हड़पने का आरोप लगाया।
जुलाई 2006 में, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और वर्तमान राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रदर्शनकारियों के साथ शामिल हो गईं, और उस वर्ष दिसंबर तक विवाद में उबाल आ गया। मार्च 2007 तक, भले ही विरोध जारी रहा, टाटा ने राज्य सरकार के साथ एक पट्टा समझौते पर हस्ताक्षर किए।
हालांकि अगस्त 2008 में, रतन टाटा ने परियोजना को स्थानांतरित करने की घोषणा की थी, हालांकि राज्य सरकार और तृणमूल कांग्रेस के बीच बातचीत जारी है।
सितंबर 2008 में, राज्य सरकार ने किसानों के लिए एक बेहतर मुआवजा पैकेज की घोषणा की, लेकिन अगले महीने, टाटा ने परियोजना को गुजरात में स्थानांतरित करने की घोषणा की, जिसका नेतृत्व तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधान मंत्री नरेंद्र ने किया था।
राडिया टेप’ विवाद, जो नवंबर 2010 में शुरू हुआ, में कॉर्पोरेट लॉबिस्ट नीरा राडिया और विभिन्न उद्योगपतियों, राजनेताओं, पत्रकारों और नौकरशाहों के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत शामिल थी, जो प्रेस में लीक हो गई थी।
ये बातचीत, जिसने कदाचार के व्यापक आरोपों को जन्म दिया, पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा के खिलाफ आरोपों के करीब आ गई, जो 2 जी दूरसंचार घोटाला मामले के मुख्य अभियुक्तों में से एक थे।
राडिया ने जिन उद्योगपतियों से बात की उनमें एक रतन टाटा भी थे। इन टेपों के जारी होने के बाद, मीडिया पर इस तरह के और टेपों को ले जाने से रोकने की मांग को लेकर टाटा अदालत गए।
सम्मान और पुरस्कार (Honours and Awards)
रतन टाटा को 2000 में पद्म भूषण और 2008 में पद्म विभूषण मिला, जो भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरा और दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है।
2021 में उन्हें असम में कैंसर देखभाल को आगे बढ़ाने के लिए उनके असाधारण योगदान के लिए असम का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘असम बैभव’ मिला।
साल | नाम | संस्था |
2001 | बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के मानद डॉक्टर | ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी |
2004 | उरुग्वे के ओरिएंटल गणराज्य का पदक | उरुग्वे सरकार |
2004 | टेक्नालजी के मानद डॉक्टर | एशियाई प्रौद्योगिकी संस्थान। |
2005 | अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठित उपलब्धि पुरस्कार | बनी ब्रीथ इंटरनेशनल |
2005 | विज्ञान के मानद डॉक्टर | वारविक विश्वविद्यालय। |
2006 | विज्ञान के मानद डॉक्टर | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास |
2006 | जिम्मेदार पूंजीवाद पुरस्कार | विज्ञान और प्रौद्योगिकी की प्रेरणा और मान्यता के लिए (प्रथम) |
2007 | मानद फैलोशिप | लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस |
2007 | परोपकार का कार्नेगी मेडल | अंतर्राष्ट्रीय शांति के लिए कार्नेगी बंदोबस्ती |
2016 | सयाजी रत्न पुरस्कार | फ्रांस की सरकार |
2018 | लीजन ऑफ ऑनर के कमांडर | स्वानसी विश्वविद्यालय |
2022 | साहित्य के मानद डॉक्टरेट | एचएसएनसी यूनिवर्सिटी |
टाटा कंपनी का इतिहास (History Of Tata Group)
टाटा समूह विमानन, स्टील, बिजली, रसायन और सूचना प्रौद्योगिकी सहित व्यवसायों की एक विस्तृत श्रृंखला में रुचि रखने वाला एक वैश्विक भारतीय समूह है।
इसकी स्थापना 1868 में जमशेदजी टाटा ने की थी और यह भारत की सबसे बड़ी निजी क्षेत्र की कंपनियों में से एक है।
टाटा ग्रुप सिर्फ भारत का ही नहीं दुनिया का सबसे बड़े मुल्टीनटीओनल ब्रण्ड्स में से एक माना जाता है, टाटा ग्रुप के पास वर्तमान में कुल 96 कंपनीस है जो की अलग अलग सेक्टोर्स में काम करती हैं, टाटा ग्रुप की बहुत सी कंपनीस तो पुब्लिकली लिसटेड भी की जा चुकी हैं।
आज के वक़्त में देखा जाए तो देशभर में टाटा ग्रुप के द्वारा लाखों लोगों को रोजगार दिया जा रहा है। साल 2015-2016 के दौरान ही इसका रिवेन्यु 103 अरब डॉलर के करीब मापा गया था।
जिसे साल 2021 में 103 बिलियन डॉलर बताया गया। आज के इस्स दौर में टाटा ग्रुप 40 से अधिक देशों में सक्रिय है उसी के साथ टाटा की पहुँच 6 महाद्वीपों तक हो चुकी है। टाटा ग्रुप विश्व के 140 से भी अधिक देशों में अपनी सर्विसेज दे रहा है।
एक भारतीय पारसी परिवार में जन्मे जमशेदजी टाटा में टाटा ग्रुप की स्थापना की थी। दरअसल जमशेदजी टाटा ने साल 1868 में महज 21 हजार रुपए में एक दिवालिया तेल मिल को खरीदा था और इसके बाद वहां रुई के कारखाने की शुरुआत की।
उन्होंने इसके साथ ही अपने जीवन के चार अहम लक्ष्य भी रखे। जोकि कुछ इस प्रकार हैं: लौह और स्टील कंपनी का निर्माण, वर्ल्ड लेवल इंस्टीट्यूशन बनाना, होटल और हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्लांट का निर्माण।
हालाँकि वे अपनी लाइफ में अपने सभी लक्ष्य पूरे नहीं कर पाए. उन्होंने ताजमहल होटल का निर्माण किया लेकिन उनकी आगे की पीढ़ी ने उनके सभी सपनों को साकार किया। टाटा के आगे बढ़ने में उनका योगदान अतुल्य रहा।
जिसे देखते हुए भारत सरकार के द्वारा जमशेदजी टाटा के नाम पर झाड़खंड में जमशेदनगर नामक शहर भी बनाया गया है।
टाटा कंपनियों की सूची (List of TATA Companies)
1 | टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस |
2 | टाटा मोटर्स |
3 | टाटा केमिकल्स |
4 | टाटा ग्लोबल बेवेराजेस |
5 | टाटा कैपिटल |
6 | टाटा पावर |
7 | टाटा इनवेस्टमेंट कार्पोरेशन |
8 | इंडियन होटल कंपनी |
9 | टाटा कोंसुमर प्रॉडक्ट |
10 | टाटा औटोकोंप सिस्टम |
11 | जैगुआर लैंड रोवर |
12 | टाटा कॉफी लिमिटेड |
13 | टाइटन कंपनी लिमिटेड |
FAQ
Q: टाटा कंपनी के सीईओ कौन है?
Ans: टाटा कंपनी के सीईओ नटराजन चंद्रशेखरन है।
Q: टाटा कंपनी की स्थापना कब हुई?
Ans: टाटा कंपनी की स्थापना 1868 में हुई थी।
Q: टाटा कंपनी किस देश की है?
Ans: टाटा कंपनी भारत की सबसे पुरानी कंपनी है जिसकी शुरुआत श्री जमसेटजी टाटा ने 1868 में की थी।
निष्कर्ष-
इस तरह से आज आपने जाना की, Tata का मालिक कौन है, और साथ ही आपको आज टाटा कंपनी के बारे में और भी कई बाते पता चली होगी। अगर आपको भी टाटा कंपनी के बारे में कुछ पता हो तो हमे भी नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर बताये।
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