क्लाउड कंप्यूटिंग क्या है? (Cloud Computing Meaning in Hindi)

क्लाउड कंप्यूटिंग क्या है, Cloud computing kya hai in hindi (what is cloud computing in hindi)

Computer कि दुनिया दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। आप सभी तो जानते ही हैं, कि आज का समय पूरी तरीके से डिजिटल आधुनिकता में बदलते जा रहे हैं।

जैसे जैसे जमाना आगे बढ़ते जा रहा है वैसे वैसे टेक्नोलॉजी भी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है , और इसी बढ़ती हुई टेक्नोलॉजी के साथ-साथ कदम मिलाकर चलने के लिए हमें उन सभी टेक्नोलॉजी से अवगत होना बहुत ही जरूरी होता है।

आजकल आप ने बहुत सी जगह पर क्लाउड कंप्यूटिंग नाम तो सुना ही होगा , आज के समय में इस नाम के बारे में बहुत सुनने को मिल रहा है।

यदि आप क्लाउड कंप्यूटिंग के बारे में जानना चाहते हैं तो हमारे इस आर्टिकल के अंत तक जरूर बने रहें, तो चलिए आज हम अपने इस आर्टिकल के अंतर्गत इसी विषय के बारे में विस्तार पूर्वक जानते हैं।

क्लाउड कंप्यूटिंग क्या है

क्लाउड कंप्यूटिंग क्या होता है? (What is Cloud Computing)

इस टेक्नॉलजी के अंतर्गत इंटरनेट का इस्तेमाल करके लोगों को विभिन्न तरह की सेवाएं प्रदान की जाती हैं जैसे कि अलग अलग प्रकार के सॉफ्टवेयर, सरवर स्टोरेज स्पेस या फिर कोई अन्य सर्विस।

किसी भी तरह के कंप्यूटिंग सर्विस को इंटरनेट के माध्यम से यूजर की डिमांड पर उन तक पहुंचाया जाना ही क्लाउड कंप्यूटिंग कहलाता है।

यदि आसान और सरल शब्दों में कहा जाए तो क्लाउड कंप्यूटिंग का सीधा सीधा अर्थ यह होता है कि इस टेक्नोलॉजी के माध्यम से किसी भी इंटरनेट यूजर को इंटरनेट के एक सरवर पर डाटा स्टोर करने की फैसिलिटी प्रदान की जाती है।

इस सर्विस के माध्यम से कोई भी यूजर क्लाउड पर स्पेस खरीद कर अपने डाटा को कभी भी और कहीं भी स्टोर और एक्सेस करने में सक्षम होता है।

आज के समय में तो लगभग हर कोई मोबाइल फोन, लैपटॉप , कंप्यूटर, इत्यादि जैसे इलेक्ट्रॉनिक चीजों का इस्तेमाल करते हि है।

उसके अंतर्गत मौजूद सॉफ्टवेयर, स्टोरेज , इत्यादि सर्विस का भी उपयोग करते हि हैं तो आप इन सभी चीजों से तो आप अच्छी तरीके से अवगत हैं।

क्लाउड कंप्यूटिंग का इतिहास (Cloud Computing History)

ऐसा माना जाता है कि क्लाउड कंप्यूटिंग की शुरुआत 1960 के दशक में हुई थी। उस समय इंटरनेट के बारे में लोगों को अधिक जानकारी प्राप्त नहीं थी क्योंकि तब इंटरनेट की ठीक से शुरुआत भी नहीं हुई थी।

क्लाउड कंप्यूटिंग की अच्छे से शुरुआत इसके 30 से 40 साल बाद हुई थी , जब 1990 में सेल्स फोर्स नाम की एक कंपनी ने अपने वेबसाइट के लोगों को सेवाएं प्रदान की थी।

पहली बार क्लाउड कंप्यूटिंग का उपयोग करने के बाद लोगों को इसकी महत्वता के बारे में अच्छे तरीके से पता चल पाया। इसके बाद ही लोगों को यह समझ में आया कि इसकी उपयोगिता भविष्य में कितनी अधिक होगी।

और आज की 21वीं शताब्दी में तो आप सब देख ही रहे हैं कि अमेजॉन, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट , जैसी कई बड़ी कंपनियों द्वारा क्लाउड कंप्यूटिंग के फील्ड में अपनी सेवाएं देना शुरू कर दिया।

और आज के समय में इस फील्ड में दिन प्रतिदिन काफी तेजी के साथ बढ़ोतरी हो रही है और आगे भी इसी तरह होता ही रहेगा।

क्लाउड कंप्यूटिंग कैसे काम करता है?

क्लाउड कंप्यूटिंग डुअल लेयर टेक्नोलॉजी पर कार्य करता है। आपको नाम से ही समझ में आ रहा होगा कि इसके अंतर्गत 2 लेयर के माध्यम से कार्य किया जाता है, जिसमें से सरवर को मैनेज करने के लिए एक अलग लेयर कार्य करती है जिसे back end कहा जाता है।

जो दूसरी लेयर होती है उसे क्लाइंट यानी की यूजर द्वारा यूज़ किया जाता है जिसे front end कहां जाता है। front end और back end , इन दोनों लेयर को मिलाकर एक पूरा क्लाउड कंप्यूटिंग के लिए सर्वर सेटअप किया जाता है।

क्लाउड कंप्यूटिंग के अंतर्गत कई सारे सरवर मौजूद होते हैं जिसे कंप्यूटर्स भी कहा जाता है और इन्हीं कंप्यूटर्स में एक विशेष सॉफ्टवेयर इंस्टॉल रहता है और उसी सॉफ्टवेयर के माध्यम से कार्य किया जाता है।

क्लाउड कंप्यूटिंग के कई सारे सरवर होते हैं जिनका उपयोग इंटरनेट के माध्यम से सभी यूजर करते हैं।

Cloud Computing के प्रकार

क्लाउड कंप्यूटिंग के 3 मुख्य प्रकार हैं:

  1. निजी क्लाउड (Private Cloud)
  2. सार्वजनिक क्लाउड (Public Cloud)
  3. हाइब्रिड क्लाउड (Hybrid Cloud)

क्लाउड कंप्यूटिंग सेवाओं के 4 मुख्य प्रकार भी हैं:

  1. इंफ्रास्ट्रक्चर-ए-ए-सर्विस (IaaS)
  2. प्लेटफॉर्म-ए-ए-सर्विस (PaaS)
  3. सॉफ्टवेयर-ए-ए-सर्विस (SaaS)
  4. फंक्शन-ए-ए-सर्विस (FaaS)

क्लाउड कंप्यूटिंग के लाभ:-

आज के समय में बढ़ती हुई टेक्नोलॉजी को देखते हुए क्लाउड कंप्यूटिंग के बहुत सारे लाभ मौजूद हैं, तो चलिए उन्हीं में से कुछ लाभ के बारे में विस्तार पूर्वक जानते हैं।

  1. ज्यादा स्टोरेज कैपेसिटी:-

क्लाउड कंप्यूटिंग के अंतर्गत बहुत सारा स्पेस मौजूद होता है। और सभी यूजर्स का पूरा डाटा क्लाउड पर सेव रहता है, आप इसके अंतर्गत अपनी मर्जी और जरूरत के अनुसार मनचाहा डाटा स्टोर कर सकते हैं।

  1. डाटा एक्सेस करने की अनुमति:-

क्लाउड कंप्यूटिंग अपने यूजर्स को मनचाहा डाटा स्टोर करने के साथ साथ कहीं भी और कभी भी डाटा एक्सेस करने की भी अनुमति प्रदान करता है।

यदि आपका डाटा क्लाउड कंप्यूटिंग पर स्टोर है तो आप अपने किसी भी डिवाइस के माध्यम से सिर्फ इंटरनेट के जरिए इसे कहीं भी और कभी भी एक्सेस कर सकते हैं।

  1. ज्यादा प्रोसेसिंग पावर:-

क्लाउड कंप्यूटिंग अपने यूजर को बाकि सुविधाएं देने के साथ साथ ज्यादा प्रोसेसिंग पावर की भी सुविधा प्रदान करता है। इसमें आप जितना चाहे उतना प्रोसेसिंग पावर खरीद सकते हैं।

  1. कम कीमत:-

क्लाउड कंप्यूटिंग के अंतर्गत यूजर अपनी जरूरत के अनुसार जितना चाहे उतना स्टोरेज खरीद सकता है। और आपको जितना स्टोरेज स्पेस चाहिए आपको केवल उतने के ही पैसे चुकाने पड़ेंगे।

कहने का मतलब यह है कि यदि आपको सिर्फ 20 जीबी स्टोरेज स्पेस चाहिए तो आपको केवल 20 जीबी स्टोरेज स्पेस के ही पैसे देने पड़ेंगे।

क्लाउड कंप्यूटिंग के उदाहरण:-

जैसा कि आप सभी जानते ही हैं कि आज के समय में लगभग हर एक मोबाइल फोन यूजर क्लाउड कंप्यूटिंग का इस्तेमाल करते ही हैं। और क्लाउड कंप्यूटिंग के अंतर्गत मौजूद अधिकतर सॉफ्टवेयर का भी इस्तेमाल करते ही हैं।

वैसे तो क्लाउड कंप्यूटिंग टेक्नोलॉजी के बहुत सारे उदाहरण मौजूद हैं। तो चलिए उन्हीं में से कुछ चुनिंदा और प्रसिद्ध उदाहरण के बारे में जानते हैं जिनका इस्तेमाल आज के समय में लगभग हर कोई करता ही है:-

  1. यूट्यूब:-

यूट्यूब के बारे में कौन नहीं जानता। यूट्यूब आज के समय में इस्तेमाल किए जाने वाले सबसे अच्छे सॉफ्टवेयर में से एक है। आज के समय में लगभग हर कोई इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल अपनी बहुत से मुश्किलों का समाधान ढूंढने के लिए करते हैं।

यूट्यूब एक बहुत ही प्रसिद्ध वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म है जिन पर रोजाना लाखों वीडियो अपलोड होते रहते हैं, और उन सभी वीडियो को स्टोर करने के लिए बहुत सारे स्टोरेज की जरूरत होती है, इसीलिए उन सभी वीडियो को स्टोर करने के लिए यूट्यूब क्लाउड कंप्यूटिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करता है।

  1. फेसबुक:-

आप सभी फेसबुक के बारे में तो अच्छे से जानते ही हैं, बहुत से लोग फेसबुक का यूज़ करते ही हैं। यह एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है और आप जानते हैं कि फेसबुक पर आप जैसे लाखों लोगों के कितने सारे फोटो, वीडियो और इत्यादि इंफॉर्मेशन मौजूद होते हैं तो ऐसे में इन सभी डाटा को भी स्टोर करने के लिए फेसबुक क्लाउड कंप्यूटिंग का इस्तेमाल करता है।

  1. ई-मेल:-

ई-मे की सेवाएं प्रदान करने वाली सारी कंपनी और स्टोरेज स्पेस देने वाली सारी कंपनी जैसे कि मीडिया फायर, मेगा, ड्रॉप बॉक्स, इत्यादि।

इन सभी सॉफ्टवेयर के अंतर्गत भी बहुत सारे डाटा को स्टोर किया जाता हैं और उन सभी डाटा को स्टोर करने के लिए क्लाउड कंप्यूटिंग का इस्तेमाल किया जाता है।

निष्कर्ष:- 

आज के समय में लगभग हर कोई क्लाउड कंप्यूटिंग का इस्तेमाल किसी ना किसी तरीके से करता है। परंतु बहुत से लोगों को क्लाउड कंप्यूटिंग के बारे में जानकारी प्राप्त नहीं होती है।

इसलिए आज हमने उन सभी लोगों को अपने इस आर्टिकल के माध्यम से क्लाउड कंप्यूटिंग के बारे में जानकारी प्रदान करने की कोशिश की है।

आशा करते हैं कि आप सभी को हमारे इस आर्टिकल के माध्यम से इस विषय के बारे में काफी अच्छी जानकारी प्राप्त हुई होगी।

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