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क्या आप भी जानना चाहते हैं की PFI क्या है? और क्यू इसकी सभी संस्थाओ में छापे पड़े हैं। तो आज हम आपको PFI और SDPI के बारे में बहौत साड़ी जानकारी देने वाले हैं।
National Investigation Agency यानी की (NIA) ने PFI SDPI के ठिकानो में छापे मारे हैं और 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार भी किआ गया है। NIA ने PFI के चेयरमैन को भी गिरफफ्तार किआ है।
क्या है पीएफआई एसडीपीआई- ये प्रतिबंधित सिमी का ही एक प्रकार कहा जाता है। जानिए क्या ये कट्टरपंथी है है, और क्या इसे बैन करने की तयारी चल रही है।
NIA के अधिकारियों ने बड़ी न्यूज एजेंसी को बताया कि टेरर फंडिंग, ट्रेनिंग कैम्प और संगठन में शामिल करने के लिए लोगों को उकसाने वाले लोगों के यहां छापेमारी हो रही है। और ये आगे जारी है।
न्यूज़ एजेंसी के अनुसार पटना के फुलवारी शरीफ में गजवा-ए-हिंद स्थापित करने की साजिश हो रही थी। इस मामले में NIA ने हाल ही में रेड मारी थी।
तेलंगाना के निजामाबाद में भी कराटे ट्रेनिंग के नाम पर PFI हथियार चलाने की ट्रेनिंग दे रहा था। इस मामल में भी NIA ने छापा मारा था। इसके अलावा कर्नाटक का हिजाब विवाद और कर्नाटक में ही प्रवीण नेत्तरू की हत्या के मामले में भी PFI कनेक्शन सामने आया था।
इसी बीच आइए हम आपको बताते हैं की PFI क्या है, और क्या इसे भारत सरकार बैन करने जा रही है। क्यू की सभी जगह चाहे वो सोशल मीडिया हो या फिर बड़ी एजेंसी सभी जगह से PFI Ban करने की बाते चल रही है हैं। आइए जाने पीएफआई क्या है।
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PFI क्या है? (What is PFI in Hindi)
PFI का पूरा नाम है Popular Front of India जिसकी स्थापन 22 November 2006 को हुई थी। पीएफआई तीन मुस्लिम संगठनों के मिलन से बना था। इनमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनिता नीति पसरई को मिलाकर बनाया गया था।
ये संगठन शुरुआत में दक्षिण भारत के राज्यों में ही सक्रिय था, लेकिन अब UP-बिहार समेत 20 राज्यों में इसका विस्तार हो चुका है।
PFI की अपनी यूनिफॉर्म भी है। हर साल 15 अगस्त को PFI फ्रीडम परेड का आयोजन करता है। बता दें की 2013 में केरल सरकार ने इस परेड पर रोक लगा दी थी।
केरल सरकार ने इसलिए परेड पर रोक पर रोक लगाई थी क्योंकि PFI की यूनिफॉर्म में पुलिस की वर्दी की तरह ही सितारे और एम्बलम लगे हैं।
वैसे यो PFI खुद को गैर-लाभकारी संगठन बताता है। लेकिन न्यूज़ के मुताबिक पीएफआई को बहौत सारे मुस्लिम देशों से फंडिंग मिलती है। जिससे वो अपना काम भारत में करते हैं।
जनवरी 2020 में भी जब देशभर में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और हिंसा हुई, तब तत्कालीन कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इसमें PFI की भूमिका होने का दावा किया था. हालांकि, PFI ने इन प्रदर्शनों में उसका हाथ होने की बात खारिज कर दी थी।
PFI का फुल फॉर्म क्या है?
PFI Full Form- Popular Front of India (PFI)
पीएफआई फुल फॉर्म- पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (पीएफआई)
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की स्थापना कब हुई?
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की स्थापना 22 November 2006 को हुई थी। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया तीन मुस्लिम संगठनों के मिलन से बना था। इनमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनिता नीति पसरई को मिलाकर बनाया गया था।
क्या PFI Ban होगा?
इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन PFI कथित तौर पर कई आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है, लेकिन अब तक उस पर बैन नहीं लग सका है। लेकिन अब एसी खबरे आ रही हैं की भारत सरकार इसपर जल्द ही कदम उठाएगी।
15 साल में 20 राज्यों में फैला PFI; ED और NIA के रडार पर, लेकिन बैन नहीं हुई, लेकिन अब केंद्र सरकार PFI पर एक्शन की तैयारी कर रही है।
बता दें की कर्नाटक के BJP नेता प्रवीण नेट्टारू की हत्या के बाद ये संगठन केंद्र के रडार पर आ गया था। बहुत संभावना है कि 2022 PFI का आखिरी साल हो।
1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद 1994 में केरल में मुसलमानों ने नेशनल डेवलपमेंट फंड (NDF) की स्थापना की। धीरे-धीरे केरल में इसकी लोकप्रियता बढ़ती गई और इस संगठन की सांप्रदायिक गतिविधियों में संलिप्तता भी सामने आती गई।
साल 2003 में कोझिकोड के मराड बीच पर 8 हिंदुओं की हत्या में NDF के कार्यकर्ता गिरफ्तार हुए। इस घटना के बाद BJP ने NDF के ISI से संबंध होने के आरोप लगाए, जिन्हें साबित नहीं किया जा सका।
कुछ राजनीतिक दलों को डर है कि पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने से मुस्लिम समुदाय में सहानुभूति बढ़ेगी। इसलिए अभी तक पीएफआई पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।
हालांकि पिछले कुछ सालों से देश में हुई हिंसा की घटनाओं में पीएफआई की संलिप्तता के चलते केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा गहन जांच की जा रही है। और रिपोर्ट के अनुसार इसपर बैन लगाने की तैयारी चल रही है।
भारत के कई राज्य सरकारें भी समय-समय पर पीएफआई को बैन करने की मांग कर चुकी हैं। सीएए-एनआरसी प्रदर्शन के दौरान यूपी सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से इस संगठन को पूरी तरह बैन करने की मांग की थी।
पीएफआई के विवाद (PFI Controversies)
- PFI कथित तौर पर कई आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है, लेकिन अब तक उस पर बैन नहीं लग सका है।
- PFI पर अक्सर धर्मांतरण के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन वो इसे खारिज कर देता है।
- 2017 में ‘इंडिया टुडे’ के स्टिंग ऑपरेशन में PFI के संस्थापक सदस्यों में से एक अहमद शरीफ ने कबूल किया था कि उनका मकसद भारत को इस्लामिक स्टेट बनाना है।
- 2020 में भी जब देशभर में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और हिंसा हुई इसके पीछे की वजह भी PFI को बताया गया था।
- रिपोट्स के मुताबिक 2022 में हुए हिजाब मामले में भी PFI का हाथ था। और इसका मकसद भारत में हिंसा फैलाना था।
- 2012 में केरल सरकार ने हाईकोर्ट में बताया था कि हत्या के 27 मामलों से PFI का सीधा-सीधा कनेक्शन है।
- 2017 में केरल पुलिस ने लव जिहाद के मामले सौंपे थे, जिसमें पीएफआई की भूमिका सामने आई थी।
- वर्ष 2010 में इडुक्की में प्रो. टी.जे. जोसेफ पर पीएफआई कार्यकर्ताओं ने हमला किया था। जोसेफ पर प्रश्न पत्र में पैगंबर के बारे में आपत्तिजनक सवाल पूछने का आरोप लगाया गया था।
SIMI क्या है? (What is SIMI in Hindi)
SIMI यानी की स्टुडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ़ इंडिया भारत में प्रतिबंधित एक मुश्लिम आतंकवादी संगठन है। इसका गठन 25 अप्रैल 1977 को अलीगढ़, उत्तर प्रदेश में हुआ है था और 2002 में प्रतिबंधित कर दिया गया था जब यह पता चला था कि वह भारत में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल था।
SIMI को आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रतिबंधित किया गया था। उसके बाद चर्चा थी कि सिमी अन्य संगठनों के माध्यम से काम करती रही। PFI और SIMI के बीच कनेक्शन का लगातार दावा किया जा रहा है।
पीएफआई और आतंकवा!
लव-जिहाद, जबरन धर्म परिवर्तन, आईएस के लिए आतंकी भेजने, अरब देशों से फंड जुटाने के मामलों में भी पीएफआई के कनेक्शन मिले थे।
कुछ लोगों के लापता होने व सीरिया और अफगानिस्तान जाकर आतंकी संगठन आईएस में शामिल करवाने में पीएफआई पर आरोप लगे।
वहीं 2017 में विवादास्पद लव जिहाद केस की जांच करते हुए, एनआईए ने दावा किया था कि महिलाओं के इस्लाम में धर्मांतरण के दो मामलों के बीच एक पुख्ता सबूत पाया गया था।
उस समय एनआईए ने कहा था कि पीएफआई से जुड़े चार लोगों ने केरल निवासी अखिला अशोकन को धर्म परिवर्तन और हादिया नाम रखने के लिए मजबूर किया था।
पीएफआई का नाम काफी समय से लगाातार विवादों में आ रहा है। यूपी में हाथरस कांड के दौरान सीएफआई का नाम सामने आया था। ईडी ने हाथरस दंगों की साजिश में
पीएफआई और उसके स्टूडेंट विंग कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) के पांच सदस्यों के खिलाफ लखनऊ की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था।
FAQ
पीएफआई संगठन क्या है?
पीएफआई संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया या पीएफआई खुद को एक चरमपंथी इस्लामिक संगठन बताता है। इसकी स्थापना 2006 में नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (NDF, दक्षिण भारत परिषद मंच) के उत्तराधिकारी के रूप में हुई।
पीएफआई का फुल फॉर्म क्या है?
पीएफआई का फुल फॉर्म पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (Popular Front of India) है।
पीएफआई की स्थापना कब हुई?
पीएफआई की स्थापना 22 November 2006 को हुई थी।
क्या पीएफआई भारत में बैन है?
अभी तक पीएफआई बैन नहीं है।
निष्कर्ष-
इस तरह से अब आप जान गए होंगे की PFI क्या है? हमने आपको पीएफआई संगठन क्या है और इसका क्या काम है, इसके बारे में जानकारी दी। आपको आज पीएफआई संगठन के बारे में बहौत सारी जानकारी जानने को मिली होगी। इस न्यूज़ को आप अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ भी जरूर शेयर करें और उन्हें भी पीएफआई के बारे में जानकारी दें।
Thanks