महाकाल लोक क्या है? जानिए क्या है खासियत और महत्व

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उज्जैन में महाकाल लोक बनकर तैयार है। महाकाल लोक को महाकाल कॉरिडोर के नाम से भी जाना जाता है। आइये आज हम आपको कॉरिडोर के बारे में कुछ खास बाते बताने वाले हैं।

महाकालेश्वर मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है, जहां देश के विभिन्न इलाकों से लोग सालों भर दर्शन एवं पूजा-अर्चना करने आते हैं।

नए लोक में दो राजसी प्रवेश द्वार- नंदी द्वार और पिनाकी द्वार थोड़ी-थोड़ी दूरी पर कॉरिडोर के शुरुआती बिंदु के पास बनाए गए हैं।

उज्जैन स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के नवनिर्मित कॉरिडोर और इसके विहंगम दृश्य से भक्तों की नजर नहीं हटती है। 11 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका उद्घाटन किआ। इसके बाद महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालु महाकाल कॉरिडोर के रास्ते ही जाएंगे।

महाकाल लोक क्या है? (Mahakal Lok)

महाकाल लोक को महाकाल कॉरिडोर के नाम से भी जाना जाता है। यह कॉरिडोर सनातम और नूतन का अद्भुत संगम है। महाकाल लोक में भगवान शिव के 190 रूपों का चित्रण किआ गया है और इसके साथ हे देवी देवताओं की अद्भुत प्रतिमाएं भी बनाई गयी है।

महाकाल लोक में भगवान शिव, देवी सती और दूसरे धार्मिक किस्सों से जुडी करीब 200 मूर्तियां बनाई गयी है। महाकाल लोक में देश का पहला नाईट गार्डन भी बनाया गया है।

यह कॉरिडोर पुरानी रुद्रसागर झील के पास है, जिसे प्राचीन महाकालेश्वर मंदिर के आसपास पुनर्विकास परियोजना के हिस्से के रूप में भी पुनर्जीवित किया गया है।

महाकाल लोक का कोना-कोना इंच-इंच देखने योग्य है। इसमें एक कमल तालाब भी बनाया गया है। महाकाल लोक भारत की एक संस्कृत गाथा का एक नया उद्गम है।

महाकाल लोक (Mahakal Lok)

हाकाल लोक में 108 स्तंभ लगाए गए हैं। इस स्थान पर भगवान 190 मूर्तियां स्थापित हैं। जो भगवान के अलग-अलग रूपों को दर्शाते हैं। यहां बीचों एक कमल कुंड बनाया गया है। जहां 24 घंटे भगवान भोले नाथ का अभिषेक होगा।

महाकाल लोक को चारों ओर से खुला बनाया जा रहा है। चार द्वार हैं- पिनाकी, शंख, नंदी और नीलकंठ। दूसरे फेज में एक या दो मुख्य द्वार और बनाए जाएंगे। इन चारों गेट से आप महाकाल लोक कैम्पस में प्रवेश कर सकते हैं।

चारधाम रोड से पिनाकी द्वार मिलेगा। नीलकंठ द्वार बेगमबाग, शंख द्वार गणेश मंदिर के ठीक सामने और नंदी द्वार के लिए त्रिवेणी संग्रहालय के पास से रास्ता है।

महाकाल लोक में पौराणिक कथाओं पर आधारित मूर्तियां हैं। इसमें शिव पुराण, त्रिपुरासुर वध, शिव पुराण और शिव तांडव स्वरूप की विभिन्न कहानियों को दर्शाने वाली मूर्तियां, भित्ति चित्र और शास्त्र बाईं और दाईं ओर फैले हुए हैं।

महाकाल लोक कॉरिडोर के बारे में (About Mahakal Lok Corridor)

स्थानउज्जैन
उद्घाटन11 अक्टूबर 2022
क्षेत्रफल20.33 हेक्टेयर (प्रस्तावित 47 हेक्टेयर)
निर्माण खर्च316 करोड़
स्थापित मूर्तियां200

लोक का क्या मतलब होता है?

महाकाल लोक (Mahakal Lok)

हिन्दू मान्यता के अनुसार देवलोक, भू-लोक व पाताल लोक माने जाते हैं। हिंदू धार्मिक ग्रंथों में “लोक” संबंधित जानकारी हमें मिलती है। “लोक” संस्कृत भाषा का एक शब्द है, जिसका अर्थ ‘संसार’ होता है।

लोक का मतलब होता है-

  • भू-लोक- पृथ्वी को भू-लोक कहा जाता है। भू-लोक में हम सभी प्राणी रहते हैं।
  • पाताल लोक- हिन्दू धर्म के अनुसार पृथ्वी के नीचे पाताल लोक है। सात प्रकार के पाताल लोक विष्णु पुराण के अनुसार हैं।
  • देवलोक- ऐसी मान्यता है कि देवलोक या स्वर्ग लोक में उस स्थान को कहा जाता है, जहां हिन्दु देवी और देवताओं का वास रहता है।

पाताल लोक- हिन्दू धर्म के अनुसार पृथ्वी के नीचे पाताल लोक है। सात प्रकार के पाताल लोक विष्णु पुराण के अनुसार हैं।

महाकाल लोक की खासियत

  • महाकाल लोक में भगवान शिव, देवी सती और दूसरे धार्मिक किस्सों से जुडी करीब 200 मूर्तियां बनाई गयी है।
  • महाकाल लोक में 26 फीट ऊंचा नंदी द्वार मुख्य आकर्षण का केंद्र है। महाकाल लोक में 108 स्तंभ लगाए गए हैं।
  • श्री महाकाल लोक 920 वर्गमीटर क्षेत्र में करीब 316 करोड़ रुपये की लागत से बना है। यह महाकाल क्षेत्र विस्तार का पहला चरण है।
  • पूर्व में मंदिर का क्षेत्रफल 2.82 हेक्टेयर था, जो परियोजना पूर्ण होने के पश्चात बढ़कर 20.33 हेक्टेयर हो गया है। और इसे 47 हेक्टेयर करने का प्रस्ताव है।
  • हाकाल कॉरिडोर में देश का पहला नाइट गार्डन भी बनाया गया है। यहां भगवान शिव, शक्ति और अन्य धार्मिक घटनाओं से जुड़ी मूर्तियां स्थापित की गई हैं।
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बड़ी-बड़ी प्रतिमाएं लगायी गयी हैं जिनमे-

9 फीट की 19 प्रतिमाएं लगायी गयी है, जिसमे- यक्ष, यक्षिणी, सिंह, बटुक भैरव, सती, पार्वती, ऋषि भृंगी, विष्णु, नंदीकेश्वर, शिवभक्त रावण, श्रीराम, परशुराम, अर्जुन, सती, ऋषि शुक्राचार्य, शनिदेव और ऋषि दधिचि शामिल है।

10 फीट की 8 प्रतिमाएं लगाई गयी हैं जिसमे लेटे हुए गणेश, हनुमान शिव अवतार, सरस्वती, लक्ष्मी, पार्वती, लकुलेश, पार्वती के साथ खेलते गणेश को दर्शाया गया है।

11 फीट की 17 प्रतिमाएं हैं जिनमे प्रवेश द्वार पर गणेश, अर्धनारीश्वर, अष्ट भैरव, ऋषि भारद्वाज, वशिष्ठ, विश्वामित्र, गौतम, कश्यप और जमदग्नी हैं।

15 फीट ऊंची 23 प्रतिमाएं लगाई गयी हैं जिसमे शिव नृत्य, 11 रुद्र, महेश्वर अवतार, अघोर अवतार, काल भैरव, शरभ अवतार, खंडोबा अवतार, वीरभद्र द्वारा दक्ष वध, शिव बरात, मणिभद्र, गणेश व कार्तिकेय के साथ पार्वती, सूर्य, कपालमोचक शिव।

18 फीट की 8 प्रतिमाएं है जिनमे नटराज, गणेश, कार्तिकेय, दत्तात्रेय अवतार, पंचमुखी हनुमान, चंद्रशेखर महादेव की कहानी, शिव और सती और समुद्र मंथन दृश्य शामिल हैं।

महाकाल लोक के बनने के बाद यह एकमात्र ऐसा मंदिर बन गया है, जहां श्रद्धालु दर्शन के साथ शिव से जुड़ी हर कहानी जान सकते हैं। इसे बनाते समय पर्यावरण का भी विशेष ध्यान रखा गया है।

Mahakal Lok Corridor Hindi Video

FAQ

महाकाल लोक का उद्घाटन।

महाकाल लोक का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा 11 अक्टूबर 2022 को

महाकाल लोक में कितनी मूर्तियां लगी हैं?

महाकाल लोक में 200 से ज्यादा मूर्तियां बनाई गयी हैं।

तो इस तरह से आपने महाकाल लोक (Mahakal Lok) महाकाल कॉरिडोर के बारे में जाना। हमने आपको महाकाल लोक क्या है और किसलिए बनाया गया है साथ ही क्या खासियत है इन सब के बारे में आपको बताया है।

इस लेख को आप अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ भी जरूर शेयर करें। और उन्हें भी महाकाल कॉरिडोर के बारे में जानकारी दिलाएं। अगर आपको भी इसक बारे में और कोई अन्य जानकारी हो तो हमारे साथ निचे कमेंट बॉक्स में साझा करें।

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1 thought on “महाकाल लोक क्या है? जानिए क्या है खासियत और महत्व”

  1. Jai shree mahakaal
    Aman G, Apne apne post me baba mahakaal corridore ke baare me kaafi acha jankariya likha hai , pichle saal maine apne janmdin ke din bhasma aarti dekha tha , magar us waqt corridor ka kaam chal raha tha is lie main dekh nahi paya tha ,magar is baar fir janamdin par ujjain aa raha hu baba ke darshan karne.

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