लिव इन रिलेशनशिप क्या होता है? (Live in Relationship in Hindi) 2024

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दोस्तों आज हम आपको लिव इन रिलेशनशिप क्या होता है? लिव इन रिलेशनशिप के बारे में जानकारी बताने जा रहे हैं, आज के लेख में हम आपको बताएंगे की लिव इन रिलेशनशिप क्या होता है?

लिव-इन रिलेशनशिप का प्रचलन आजकल सामान्य हो गया है। इसका अर्थ है कि बिना शादी के दो व्यक्तियों को एक ही घर में साथ रहने का अवसर मिलता है और इस पर बार-बार सवाल उठते रहते हैं।

किसी की दृष्टि से, यह मुद्दा मूलभूत अधिकारों और निजी जीवन का है, तो कुछ लोग इसे सामाजिक और नैतिक मूल्यों के परीक्षण में रखते हैं।

पार्टनर के साथ अधिक से अधिक समय बिताने की इच्छा रखने वाले कई जोड़े लिव इन रिलेशनशिप को पसंद करते हैं। बड़े शहरों में लिव इन रिलेशनशिप में रहना आम हो गया है।

हालांकि, लिव इन में रहते हुए, व्यक्ति अक्सर कुछ गलतियां कर सकता है, जिससे रिश्ते को खतरा हो सकता है। इस प्रकार की गलतियों को सुधारना जोड़ी के लिए महत्वपूर्ण होता है।

लिव इन रिलेशनशिप में जोड़े एक दूसरे को समझने की कोशिश करते हैं। हालांकि, जाने-अनजाने में कई बार कुछ गलतफहमियां उत्पन्न हो जाती हैं, जिससे आपका रिश्ता खतरे में पड़ सकता है।

इसलिए लिव इन रिलेशनशिप में कुछ ऐसी गलतियों से बचना आवश्यक है जिन्हें दूर करके आप अपने संबंधों को मजबूत और दीर्घकालिक बना सकते हैं।

तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं की लिव इन रिलेशनशिप क्या होता है? तो चलिए दोस्तों लिव इन रिलेशनशिप के बारे में जानते हैं।

लिव इन रिलेशनशिप (Live in Relationship)

लिव इन रिलेशनशिप क्या होता है? (What is live in relationship?)

प्रेमी जोड़े का शादी किए बिना लंबे समय तक एक घर में साथ रहना, उसे लिव-इन रिलेशनशिप कहा जाता है। इसकी कोई कानूनी परिभाषा अलग से नहीं है।

सरल शब्दों में कहा जा सकता है कि इसे दो वयस्कों का अपनी मर्ज़ी से बिना विवाह किए एक छत के नीचे साथ रहना कहा जा सकता है।

कई जोड़े इसलिए लिव-इन रिलेशनशिप में रहते हैं, ताकि वे यह निर्धारित कर सकें कि क्या वे दोनों शादी के लिए अनुकूल हैं या नहीं। तो कुछ इसलिए भी इस मोड़ को अपनाते हैं क्योंकि उन्हें पारंपरिक विवाह व्यवस्था में कोई रुचि नहीं होती।

लाइव लॉ की एक रिपोर्ट के अनुसार, चार दशक पहले, 1978 में, बद्री प्रसाद बनाम डायरेक्टर ऑफ कंसोलिडेशन (Badri Prasad vs Director Of Consolidation) के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार लिव-इन रिलेशनशिप को स्वीकृति दी थी।

उस केस में, यह तय किया गया था कि उस समय के शादीशुदा युग्म के बीच लंबे समय तक साथ रहना किसी भी भारतीय कानून का उल्लंघन नहीं था।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी ठान लिया कि यदि कोई कपल लंबे समय से एक साथ रह रहा है, तो उस संबंध को शादी के समान माना जाना चाहिए। इस तरह कोर्ट ने उस समय के 50 साल के लिव-इन रिलेशनशिप को वैध ठहराया था।

लिव-इन रिलेशनशिप के मौलिक अधिकार (Fundamental Rights of Live-in Relationship)

न्यायपालिका से संबंधित खबरों को सरल भाषा में समझाने वाले मीडिया संस्थान लाइव लॉ की मानें तो लिव-इन रिलेशनशिप की जड़ कानूनी दृष्टि से संविधान के अनुच्छेद 21 में है।

अपनी मर्जी से शादी करने या किसी के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहने का अधिकार और आजादी को इस अनुच्छेद से अलग नहीं माना जा सकता।

साल 2001 में, पायल शर्मा बनाम नारी निकेतन केस में सुप्रीम कोर्ट ने यह मान्यता दी कि एक पुरुष और एक महिला को अपनी मर्ज़ी से एक-दूसरे के साथ शादी किए बिना लिव-इन रिलेशनशिप में रहने का अधिकार है।

कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि हमारा समाज इसे अनैतिक मान सकता है मगर कानूनी रूप से इसे न तो गैर-कानूनी ठहराया जा सकता है और न ही इसे अपराध माना जा सकता है।

लिव-इन रिलेशनशिप पर घरेलू हिंसा कानून

घरेलू हिंसा कानून विवाहित जोड़ों और लिव-इन रिलेशनशिप दोनों पर लागू होते हैं। इंदिरा शर्मा बनाम वी.के. शर्मा केस में सुप्रीम कोर्ट ने यह बताया कि Protection of Women from Domestic Violence Act, 2005 की धारा 2F में जिन परिभाषाओं को शामिल किया गया है।

उसमें लिव-इन रिलेशनशिप भी शामिल है। यानी जिस तरह इस एक्ट के द्वारा शादीशुदा कपल खुद को घरेलू हिंसा से बचा सकता है, उसी तरह लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे कपल पर भी यह एक्ट लागू होता है।

CRPC की धारा 125 के तहत लिव-इन रिलेशनशिप

जस्टिस मलिमथ की कमेटी के सुझाव पर पत्नी की परिभाषा की पुनर्व्याख्या के लिए सीआरपीसी (CRPC) की धारा 125 में संशोधन किया गया था।

समिति की रिपोर्ट की सिफारिशों का पालन करते हुए यह सुनिश्चित किया गया था कि लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाली महिलाएं या वह महिलाएं जिन्हें उनके पार्टनर ने छोड़ दिया है, उन्हें वाइफ (पत्नी) का दर्जा मिले।

लिव-इन रिलेशनशिप से जन्मे बच्चे का अधिकार

सुप्रीम कोर्ट ने लिव-इन रिलेशनशिप में पैदा हुए एक बच्चे को संपत्ति का अधिकार (राइट टू प्रॉपर्टी) देने का निर्णय लिया। फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने यह बताया कि इस प्रकार के बच्चों को नाजायज नहीं माना जा सकता, खासकर जब उनके माता-पिता एक साथ लंबे समय से रह रहे हों।

लिव-इन रिलेशनशिप के संबंध में भारतीय समाज का दृष्टिकोण बहुत सकारात्मक नहीं रहा है। लेकिन न्यायिक निर्णयों ने कई मौकों पर लिव-इन रिलेशनशिप को मान्यता दी है यानि वैध बताया है। अदालत ने लिव-इन रिलेशनशिप में महिलाओं के अधिकार को कानूनी दर्जा भी दिया है।

लिव-इन रिलेशनशिप में संपत्ति के उत्तराधिकार का अधिकार

जिस तरह पति की मृत्यु के बाद पत्नी को दिवंगत पति की संपत्ति पर अधिकार होता है, ठीक उसी तरह एक महिला के लिव-इन पार्टनर की मृत्यु के बाद उसके पार्टनर की विरासत में मिली संपत्ति पर भी उस महिला का अधिकार होता है।

‘धनूलाल बनाम गणेश राम’ केस में अदालत ने माना था कि यदि एक लिव-इन रिलेशनशिप लंबे समय तक जारी रहता है, तो उसे एक शादी की तरह माना जाएगा।

लिव-इन रिलेशनशिप सम्बन्ध के लाभ

  • साथी को पूर्ण समय मौजूद होने के कारण जानने में आसानी होती है।
  • दोनो पक्ष आम तौर से आर्थिक रूप से स्वतंत्र और किसी पर निर्भर नहीं होते।
  • इस रिश्ते में सामाजिक और पारिवारिक नियम लागू नहीं होते।
  • वैवाहित जीवन की जवाबदारी इस रिश्ते पर लागू नहीं होती।
  • हर पक्ष दूसरे का सम्मान करता है।
  • सम्बन्ध के समाप्त होने पर तलाक जैसे झंजट-भरे मुकदमे कम ही देखे गए हैं।

लिव-इन रिलेशनशिप में असुविधाएँ

  • समाज की अस्वीकृति और तिरस्कार।
  • सम्बंध का विवाह की तरह टिकाव न होना।
  • स्त्रियों की समस्याएँ, विशेष रूप से सम्बंध अचानक टूटने की स्थिति में पुरुषों से अधिक होती हैं।
  • इस सम्बंध से पैदा होने वाले बच्चे पारम्परिक पारिवारिक मर्यादाओं को समझने और अपनाने में असमर्थ होते हैं।
  • विवाह जैसे सम्बंध के आदर की कमी साफ़ दिखाई देती है।

निष्कर्ष-

तो इस तरह से आज आपने जाना की लिव इन रिलेशनशिप क्या होता है? (What is live-in relationship in Hindi) साथ ही आज आपको लिव इन रिलेशनशिप के बारे में और भी कई बाते पता चली होगी।

आपको बता दें की इनमें से कुछ जानकारी विकिपीडिया (Wikipedia) से ली गई है।

और अगर आपको ये लेख लिव इन रिलेशनशिप क्या होता है? (What is live-in relationship in Hindi) पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर करें। इस लेख को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद। जय हिन्द!

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