ओडिशा में कितने जिले हैं, ओडिशा में कितने जिले हैं उनके नाम, ओडिशा के सभी जिलों के नाम हिंदी में (How many districts in Odisha district name list in Hindi, Districts in Odisha 2025 List)
क्या आप जानते है की ओडिशा में कितने जिले (Districts in Odisha) हैं? अगर नहीं जानते तो आज हम आपको ओडिशा के पूरे जिलों के बारे में बताने जा रहे हैं तो आइये जानते है पूरे विस्तार से पूरा व्लोग देखिये।
क्या आपको पता है की ओडिशा में कितने जिले (Districts in Odisha) हैं? या फिर आपने कभी जानने की कोशिश की, अगर नहीं तो आज हम आपको Odisha के सभी जिलों के नाम बनाते वाले हैं।
आज हमने ये लिस्ट बनाई है, जिसमे हम आपको ओडिशा में सभी जिलों के नाम बताने वाले हैं। ताकि आपको भी पता चल सके की ओडिशा में कितने जिले हैं।
किसी भी देश को राज्यों में भाषा और संस्कृति के आधार पर विभाजित किया जाता है जिससे देश में इम्प्रूवमेंट हो सके। इसके बाद प्रत्येक राज्य को जिलों में विभाजित किया जाता हैं।
ओडिशा पूर्वी भारत में स्थित एक भारतीय राज्य है। यह क्षेत्रफल के हिसाब से 8वां सबसे बड़ा राज्य है, और जनसंख्या के हिसाब से 11वां सबसे बड़ा राज्य है। राज्य में भारत में अनुसूचित जनजातियों की तीसरी सबसे बड़ी आबादी है।
यह उत्तर में झारखंड और पश्चिम बंगाल राज्यों, पश्चिम में छत्तीसगढ़ और दक्षिण में आंध्र प्रदेश के पड़ोसी हैं। ओडिशा की हिंद महासागर में बंगाल की खाड़ी के साथ 485 किलोमीटर (301 मील) की तटरेखा है।
आइये अब बात करते है ओडिशा के बारे में और उसके बाद जाने की मेघालय में कितने जिले हैं (Districts in Odisha)

Table of Contents
ओडिशा के बारे में (About Odisha)
स्थापना दिवस | 1 अप्रैल 1936 |
क्षेत्रफल | 155,707 Sq km |
कुल जिले | 30 |
राजधानी | भुवनेश्वर (Bhubaneswar) |
कुल जनसंख्या (2011) | 41,974,218 |
आधिकारिक वेबसाइट | odisha.gov.in |
ओडिशा में कितने जिले हैं? (List of Districts in Odisha)
ओडिशा में कुल 30 जिले हैं उनके नाम इस प्रकार है:
S No. | जिलों के नाम |
1 | अंगुल |
2 | बलांगीर |
3 | बालासोर |
4 | बरगढ़ (बारागढ़) |
5 | बौध (बौदा) |
6 | भद्रक |
7 | कटक |
8 | देबगढ़ (देवगढ़)। |
9 | ढेंकनाल |
10 | गजपति |
11 | गंजम |
12 | जगतसिंहपुर |
13 | जाजपुर |
14 | झारसुगुडा |
15 | कालाहांडी |
16 | कंधमाल |
17 | केंद्रपाड़ा |
18 | केंदुझर (क्योंझर) |
19 | खोरधा |
20 | कोरापुट |
21 | मल्कानगिरी |
22 | मयूरभंज |
23 | नबरंगपुर |
24 | नयागढ़ |
25 | नुआपाड़ा |
26 | पुरी |
27 | रायगढ़ |
28 | संबलपुर |
29 | सुबरनपुर (सोनपुर) |
30 | सुंदरगढ़ |
ओडिशा के बारे में (About Odisha)
ओडिशा की स्थापना 1 अप्रैल 1936 में हुई थी। ओडिशा भारत के पूर्वी तट पर स्थित एक राज्य है, ओडिशा उत्तर में झारखंड, उत्तर पूर्व में पश्चिम बंगाल दक्षिण में क्षेत्र और पश्चिम में छत्तीसगढ़ से घेरा और पूर्व में बंगाल की खाड़ी है।
क्षेत्र के अनुसार ओडिशा भारत का नौवां और जनसंख्या के हिसाब से ग्यारहवां सबसे बड़ा राज्य है।
इस राज्य की स्थापना भागीरथ वंश के राजा ओड ने की थी, जिंहोने अपने नाम के आधार पर नए ओड-वंश व ओड्रा राज्य की स्थापना की।
समय विचरण के साथ तीसरी शताब्दी ई0पू0 से ओद्र राज्य पर महामेघवाहन राजवंश, माठर वंश, नील वंश, विग्रह एवं मुदगल वंश, शैलोदभव वंश, भौमकर वंश, नन्दोद्भव वंश, सोम वंश, गंग वंश व सूर्य वंश आदि का आधिपत्य भी रहा।
प्राचीन काल में उड़ीसा को और भी कई अन्य नामों से जाना जाता था जिसमें कलिंग, उत्कल, उत्करात, ओद्र, दक्षिण कोशल, कांगोद, ओद्र और मत आदि प्रमुख हैं।
मध्यकाल में ओडिशा को ‘उड़ीसा’ के नाम से जाना जाता था। लेकिन 4 नवंबर 2011 को इसका नाम अधिकारिक रूप से ओडिशा के रूप में दर्ज किया गया।
ओडिसा का इतिहास बहुत ही उथल-पुथल भरा रहा है। मगध सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य कभी इस क्षेत्र को अपने राज्य में मिलाने का मन बनाया था।
बाद में सम्राट अशोक ने भयानक रक्तपात के बाद इस क्षेत्र पर अपना अधिकार स्थापित कर लिया। उस बक्त इस क्षेत्र का नाम कलिंग था।
यदपि सम्राट अशोक का इस भयानक नरसंहार के बाद हृदय प्रवर्तित हो गया। उन्होंने कलिंग युद्ध के बाद युद्ध का परित्याग कर भगवान बुद्ध के अनुआयी बन गये और बुद्ध-शरणम्-गच्छामी को प्राप्त हुए।
कलांतर में कलिंग पर चेदि वंश, महा-मेघवाहन वंश, नल वंश, मुदगल वंश, माठर वंश, भौमकर वंश, सूर्य वंश, सातवाहन और सोम वंश का शासन रहा।
उड़िया भाषा राज्य की अधिकारिक और सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। भाषाई सर्वेक्षण के अनुसार ओड़िशा की 93.33% जनसंख्या ओड़िआ भाषी है।
हिंदी यहां दूसरी सबसे लोकप्रिय और व्यापक रुप से स्वीकृत भाषा है। इसके अलावा यहां उर्दू और बंगाली भी बोली जाती है और कुछ लोग तेलगु भी बोलते हैं।
ओड़िआ की खोज उरजंग में 1051 ईस्वी में की गई थी। इसकी लिपी ब्रम्ही में शुरु की गई थी और द्रविड़ में खत्म की गई।
समस्त भारत की तरह ओडिशा में भी सभी त्योहार मनाए जाते हैं। लेकिन इस राज्य के लोगों द्वारा कुछ विशिष्ट त्योहार भी मनाए जाते हैं ओडिशा के अपने अनेक पारंपरिक त्योहार हैं।
राज्य का सबसे अनोखा त्योहार अक्टूबर या नवंबर में मनाया जाने वाला बोइता बंदना (नौकाओं की पूजा) है।
उड़ीसा के कुछ प्रसिद्ध मेलों और त्यौहारों में कटक की बाली यात्रा, कालीजल द्वीप, चिल्का झील, भुवनेश्वर के आदिवासी मेला, दुर्गा पूजा, मंगल मेला, भुवनेश्वर के भगवान लिंगराजा का कार उत्सव और पुरी में रथ यात्रा शामिल है।
उड़ीसा का पारंपरिक भोजन मसालेदार है और इसमें चावल, सब्जियां, दालों, चटनी और अचार शामिल हैं। तटीय क्षेत्रों में झींगा और फ्लैट पोमफ्रैट मछली सबसे ज्यादा प्रसिद्ध हैं। उड़ीसा मुख्य रूप से दूध से तैयार मिठाई के लिए जाना जाता है।
कुछ विशिष्ट मीठे पदार्थों में रसगुल्ला, रसमलई, चेनपुडा, खिरमाहन, राजभागा, रबड़ी, चिंजाहिली, रसबाली (दोनों दूध से बना) और पिठा (केक) शामिल हैं। उबले हुए भोजन में चावल, दाल, सब्जियां, करी और मीठे व्यंजन शामिल हैं।
ओडिशा का प्रमुख नृत्य ओडिशी है। यह नृत्य भारत के प्राचीन शास्त्रीय नृत्य का एक रूप है। यह नृत्य दरअसल भगवान श्री कृष्ण और राधा के प्रेम को प्रदर्शित करता है।
इसके अलावा यहां और भी कई लोक नृत्य लोकप्रिय हैं। इनमें घमुरा नृत्य, पाया, डस्कथिया, दलखाई,छाऊ, कर्म,बाघा, कीसाबादी, ढप नृत्य और गोटी पुआ शामिल है।
ओडिशा के लोगों की परंपरा और संस्कृति का परिचायक यहां का परिधान है। उड़ीसा की महिलाएं मुख्यतः कटकी और संबलपुरी साड़ी पहनती है।
ओडिशा के पुरुषों की पारंपरिक वेशभूषा धोती कुर्ता है जो कि वे शादी-समारोह के साथ आम दिनों में भी पहनते हैं। धोती कुर्ते के साथ वे अपने कंधे पर गमछा भी लेते हैं।
ओड़िशा में कई लोकप्रिय पर्यटक स्थल स्थित हैं जिनमें, पुरी, कोणार्क और भुवनेश्वर सबसे प्रमुख हैं और जिन्हें पूर्वी भारत का सुनहरा त्रिकोण पुकारा जाता है।
पुरी के जगन्नाथ मंदिर जिसकी रथयात्रा विश्व प्रसिद्ध है और कोणार्क के सूर्य मंदिर को देखने प्रतिवर्ष लाखों पर्यटक आते हैं।
ब्रह्मपुर के पास जौगदा में स्थित अशोक का प्रसिद्ध शिलालेख और कटक का बारबाटी किला भारत के पुरातात्विक इतिहास में महत्वपूर्ण हैं।
ओडिशा के बारे में रोचक तथ्य (Facts About Odisha)
- ओड़िशा के संबलपुर के पास स्थित हीराकुंड बांध विश्व का सबसे लंबा मिट्टी का बांध है।
- जगन्नाथ और मुक्तेश्वर मंदिर ओडिशा के बेहतरीन मंदिरों में से एक हैं, जिनका निर्माण प्राचीन उड़ीसा कलिंग में हुआ था।
- चार धामों में से एक, जगन्नाथ मंदिर, ओडिशा में स्थित है। जगन्नाथ मंदिर में दुनिया की सबसे बड़ी रसोई है जिसमें खाना पकाने वाले चार सौ से अधिक कर्मचारी हैं। वे प्रतिदिन 10000 से अधिक लोगों को खाना खिलाते हैं।
- भुवनेश्वर में, प्राचीन और मध्ययुगीन काल के 600 से अधिक अद्भुत मंदिर हैं। ओडिशा को भारत के मंदिरों के शहर के रूप में जाना जाता है।
- भारत की अधिकांश मिसाइलों का परीक्षण ओडिशा के व्हीलर द्वीप पर किया जाता है। कुछ प्रसिद्ध मिसाइलें अग्नि मिसाइल, आकाश मिसाइल और पृथ्वी मिसाइल हैं।
- पुरी मंदिर भारत का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां लोक, शाक्त, शैव और वैष्णव पंथों की पूजा होती है।
- ओडिशा में चार प्रमुख नदियां बहती है उनमें से महानदी सबसे बड़ी है और ब्रह्माणी, बइतरीण, इंद्रावती आदि है। इसके अलावा बूढ़ाबंगला , रुषीकूॡ , वंशधारा, नागावली, आदि नदिया है।
- 1948 से पहले ओड़िशा की राजधानी कटक हुआ करती थी जिसको बादल कर भुवनेश्वर कर दिया गया।
- ओड़िशा के अंदर 21 लोक सभा सीट 10 राज्य सभा सीट और 147 विधान सभा सीटे आती हैं।
FAQ
Q: ओड़िशा की राजधानी क्या है?
Ans:- ओड़िशा की राजधानी भुवनेश्वर है।
Q: ओड़िशा का क्षेत्रफल कितना है?
Ans:- ओड़िशा का क्षेत्रफल 155,707 वर्ग किलोमीटर है।
Q: ओड़िशा का गठन कब हुआ था?
Ans:- ओड़िशा का गठन 1 अप्रैल 1936 में हुआ था।
निष्कर्ष-
तो इस तरह से आज आपने जाना की ओड़िशा में कितने जिले हैं (Districts in Odisha) साथ ही आज आपको ओड़िशा के बारे में और भी कई बाते पता चली होगी।
आज हमने आपको ओड़िशा में कितने जिले हैं (Districts in Odisha) इसके साथ-साथ और भी बहुत सारी बाते बताई है। अगर आपको ये पोस्ट पसंद आयी हो, और कुछ अच्छा सीखने को मिला हो, तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर करें।
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