केरल के सभी जिलों के नाम (List of Districts in Kerala) 2024

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क्या आप लोग जानते है की केरल में कितने जिले हैं? अगर नहीं जानते तो आज हम आपको केरला के पूरे जिलों के बारे में बताने जा रहे हैं तो आइये जानते है पूरे विस्तार से पूरा व्लोग देखिये।

क्या आपको पता है की केरल में कितने जिले (Districts in Kerala) हैं? या फिर आपने कभी जानने की कोशिश की, अगर नहीं तो आज हम आपको KL के सभी जिलों के नाम बनाते वाले हैं।

आज हमने ये लिस्ट बनाई है, जिसमे हम आपको केरल में सभी जिलों के नाम बताने वाले हैं। ताकि आपको भी पता चल सके की केरल में कितने जिले हैं।

किसी भी देश को राज्यों में भाषा और संस्कृति के आधार पर विभाजित किया जाता है जिससे देश का विकास हो सके। इसके बाद प्रत्येक राज्य को जिलों में विभाजित किया जाता है।

केरल भारत के मालाबार तट पर स्थित एक राज्य है जोकि जनसंख्या के आधार से भारत का 13वा और छेत्रफल के आधार से 21वा सबसे बड़ा राज्य है।

इसके प्रमुख पड़ोसी राज्य तमिलनाडु और कर्नाटक है। यह उत्तर और उत्तर पूर्व में कर्नाटक, पूर्व और दक्षिण में तमिलनाडु और लक्षद्वीप सागर से घिरा है [

आइये अब बात करते है केरल के बारे में और उसके बाद जाने की केरल में कितने जिले हैं (Districts in Kerala)

केरल के बारे में (About Kerala)

स्थापना दिवस01 नवम्बर 1956
क्षेत्रफल38,863 km2
कुल जिले14
राजधानीतिरुवनंतपुरम (Thiruvananthapuram)
कुल जनसंख्या (2011)34,630,192
आधिकारिक वेबसाइटkerala.gov.in
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केरल में कितने जिले हैं? (List of Districts in Kerala)

केरल में कुल 14 जिले हैं उनके नाम इस प्रकार है:

S No.जिलों के नाम
1अलाप्पुझा 
2एर्नाकुलम 
3इडुक्की
4कन्नूर
5कासरगोड 
6कोल्लम
7कोट्टायम 
8कोझीकोड
9मलप्पुरम
10पलक्कड़
11पथानामथिट्टा 
12तिरुवनंतपुरम
13त्रिशूर
14वायनाड

केरल का इतिहास (History of Kerala)

केरल की स्थापना 01 नवम्बर 1956 में हुई थी। केरल भारत के मालाबार तट पर स्थित एक राज्य है, जिसकी राजधानी तिरुवनंतपुरम है। क्षेत्रफल के हिसाब से 21वां सबसे बड़ा भारतीय राज्य और जनसंख्या के हिसाब से 13वा सबसे बड़ा राज्य है।

अपनी संस्कृति और भाषा-वैशिष्ट्य के कारण पहचाने जाने वाले भारत के दक्षिण में स्थित चार राज्यों में केरल के प्रमुख स्थान रखता है।

इसके पड़ोसी राज्य तमिलनाडु और कर्नाटक हैं। पांडिचेरी राज्य का माय्यशी (माहि) नाम से जाने वाला भूभाग भी केरल राज्य के कोने में स्थित है।

चेरा राजवंश केरल में स्थित पहला प्रमुख राज्य था। कॉमन एरा (सीई) के प्रारंभिक वर्षों में गहरे दक्षिण में आय साम्राज्य और उत्तर में एझिमाला साम्राज्य ने अन्य राज्यों का गठन किया। यह क्षेत्र 3000 ईसा पूर्व से एक प्रमुख मसाला निर्यातक रहा है।

केरल का इतिहास ईसाई युग तक का है, स्‍वतंत्र भारत में जब छोटा-छोटा रियासतों का विलय हुआ, तब त्रावनकोर और कोचीन रियासतों को मिलाकर 1 जुलाई, 1949 को ‘त्रावनकोर कोचीन’ रेखय बना दिया गया, लेकिन मातृभूमि मद्रास प्रांत (चेहरे) नहीं कर रहा है।

‘राज्‍य पुनर्गठन अधिनियम’, 1956 के अंतर्गत ‘त्रावनकोर-कोचीन राज्‍य तथा मालाबार’ को मिलाकर 1 नवंबर, 1956 को ‘केरल राज्‍य’ का निर्माण किया गया।

स्वतंत्रता प्राप्ति से पूर्व केरल में की रियासतें थीं। जुलाई 1949 में तिरुवितांकूर और कोच्चिन रियासतों को जोड़कर ‘तिरुकोच्चि’ राज्य का गठन किया गया।

उस समय मलाबार प्रदेश मद्रास राज्य (वर्तमान तमिलनाडु) का एक जिला मात्र था। नवंबर 1956 में तिरुकोच्चि के साथ मलाबार को भी जोड़ा गया और इस तरह वर्तमान केरल की स्थापना हुई।

केरल की संस्कृति हज़ारों साल पुरानी है। इसके इतिहास का प्रथम काल 1000 ईं. पूर्व से 300 ईस्वी तक माना जाता है। अधिकतर महाप्रस्तर युगीन स्मारिकाएँ पहाड़ी क्षेत्रों से प्राप्त हुई।

अतः यह सिद्ध होता है कि केरल में अतिप्राचीन काल से मानव का वास था। केरल में आवास केन्द्रों के विकास का दूसरा चरण संगमकाल माना जाता है। यही प्राचीन तमिल साहित्य के निर्माण का काल है। संगमकाल सन् 300 ई. से 800 ई तक रहा।

प्राचीन केरल को इतिहासकार तमिल भूभाग का अंग समझते थे। सुविधा की दृष्टि से केरल के इतिहास को प्राचीन, मध्यकालीन एवं आधुनिक कालीन – तीन भागों में विभाजित कर सकते हैं (प्राचीन केरल, मध्यकालीन केरल, आधुनिक केरल)

केरल की कला-सांस्कृतिक परंपराएँ सदियों पुरानी हैं। केरल के सांस्कृतिक जीवन में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले कलारूपों में लोककलाओं, अनुष्ठान कलाओं और मंदिर कलाओं से लेकर आधुनिक कलारूपों तक की भूमिका उल्लेखनीय है।

केरलीय कलाओं को सामान्यतः दो वर्गों में बाँट सकते हैं, एक दृश्य कला और दूसरी श्रव्य कला। दृश्य कला के अंतर्गत रंगकलाएँ, अनुष्ठान कलाएँ, चित्रकला और सिनेमा आते हैं।

राज्य में अंग्रेजी और मलयालम दोनों ही भाषाएँ सिखाई जाती हैं। हालांकि मलयालम राज्य की क्षेत्रीय और आधिकारिक भाषा है। केरल में प्रत्येक जाति का अपना अलग-2 खानपान है। यहाँ के लोगो का प्रमुख भोजन चावल है।

मलयाली साग-सब्जियाँ, मछली, मांस, अंडा इत्यादि से बनी सब्जियों से मिलाकर चावल खाना पसन्द करते हैं। यहाँ के लोगो को ऐसे पकवान प्रिय हैं जो भाप में पकाये जाते हैं या फिर तेल में तले जाते हैं। गेहूँ, मैदा, मीठी खीर और कंदमूलों को पकाकर बनाये जाने वाले खाद्य भी यहाँ खाये जाते हैं।

केरल में अनेक रंगारंग त्‍योहार मनाए जाते हैं। इनमें से अधिकतर त्‍योहार धार्मिक हैं जो हिन्दू पुराणों से प्रेरित हैं। ओणम केरल का विशिष्‍ट त्‍योहार है, जो फ़सल कटाई के मौसम में मनाया जाता है।

यह त्‍योहार खगोलशास्‍त्रीय नववर्ष के अवसर पर आयोजित किया जाता है। इस प्रदेश के कुछ मुख्य त्योहारों में विषु, नवरात्रि, दीपावली, शिवरात्रि, तिरुवातिरा, रमज़ान, बकरीद, मुहरम, मिलाद-ए-शरीफ, क्रिसमस, ईस्टर आदि त्योहार शामिल हैं।

केरल प्रांत में अत्यधिक लोकप्रिय है, इसलिए इसे ‘ईश्वर का अपना देश’ अर्थात् ‘ईश्वर का अपना घर’ नाम से पुकारा जाता है। यहाँ कई प्रकार के दर्शनीय स्थल हैं, जिनमें प्रमुख हैं – पर्वतीय तराइयाँ, समुद्र तटीय क्षेत्र, अरण्य क्षेत्र, तीर्थाटन केन्द्र आदि।

इन जगहों पर देश-विदेश से काफी संख्या में घूमने वाले लोग आते हैं। चंद्रनार, नेल्लियांपति, पोन्मुटि आदि पर्वतीय क्षेत्र, कोवलम, कामला, चेरायी आदि समुद्र तट, पेरियार, इविकुळम आदि वन्य पशु केंद्र, कोल्लम, अलप्पुषा, कोट्टयम, एरणकुळम आदि झील प्रमुख आदि देखने के लिए विशेष आकर्षण केंद्र हैं।

केरल के बारे में रोचक तथ्य (Facts About Kerala)

  • केरल भारत का एकलौता ऐसा राज्य जहां सबसे पहले और सबसे ज़्यादा आयुर्वेदिक दवाईओं का इस्तेमाल किया जाता है।
  • केरल की संस्कृति हज़ारों साल पुरानी है। इसके इतिहास का प्रथम काल 1000 ईं. पूर्व से 300 ईस्वी तक माना जाता है।
  • केरल राज्य की आधी से अधिक आबादी आय के लिए कृषि पर निर्भर है। चावल केरल की सबसे मुख्य फसल और मुख्य भोजन है।
  • तिरुवनंतपुरम में पद्मनाभस्वामी मंदिर दुनिया भर में सबसे अमीर मंदिर होने के लिए जाना जाता है। इस हिंदू मंदिर के पास बेशकीमती संपत्ति का खजाना है।
  • मानसून की पहली बारिश हमेशा केरल राज्य में होती है, जो पूरे देश में मौसम के आने का संकेत देती है। जून के पहले सप्ताह के दौरान, दक्षिण भारत के इस क्षेत्र में बारिश शुरू हो जाती है।
  • भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रबर उत्पादक देश है और अकेले केरल में कुल रबर के 90% से अधिक उत्पादन होता है।
  • केरल साक्षरता के मामले में उच्च स्कोर करता है। यह लगभग 93.91% (2011 की जनगणना के अनुसार) साक्षरता दर के साथ भारत का सबसे साक्षर राज्य है। वास्तव में, कोट्टायम जिले के ग्रामीण क्षेत्र में भी साक्षरता दर 97.17% है!
  • केरल में लोकसभा की 20 सीट राज्यसभा की 9 और विधानसभा की 141 सीट है।

FAQ

Q: केरल का गठन कब हुआ था?

Ans:- केरल का गठन 01 नवम्बर1956 में हुआ था।

Q: केरल में कितने जिले हैं?

Ans:- केरल में कुल 14 जिले हैं। जिसमे सबसे बड़ा जिला पलक्कड़ है।

Q: केरल की राजधानी क्या है?

Ans:- केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम है।

निष्कर्ष-

तो इस तरह से आज आपने जाना की केरल में कितने जिले हैं (Districts in Kerala) साथ ही आज आपको केरल के बारे में और भी कई बाते पता चली होगी।

आज हमने आपको केरल में कितने जिले हैं (Districts in Kerala) इसके साथ-साथ और भी बहुत सारी बाते बताई है। अगर आपको ये पोस्ट पसंद आयी हो, और कुछ अच्छा सीखने को मिला हो, तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर करें।

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