Omicron क्या है? जानिए कोरोना के नए वैरिएंट BF.7 के बारे में सब कुछ।

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Omicron Variant:- ओमिक्रॉन वेरिएंट के सामने आने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी चिंता जाहिर की है। नए वेरिएंट सामने आने के बाद अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों ने दक्षिण अफ्रीका से आने वाले यात्रियों को लेकर सतर्क हो गए हैं।

कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन भारत में भी पहुंच गया है।

कोरोना का कहर अभी ख़तम नहीं हुआ है। एसे में नए वेरिएंट के आने से डर और बढ़ गया है। आज हम आपको कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन के बारे में बताने वाले हैं।

Omicron क्या है? (What is Omicron in Hindi)

Omicron कोरोना का नया वेरिएंट है। यह कोरोना के अब तक के सभी वैरिएंट्स से भी ज्यादा खतरनाक है। ओमीक्रॉन लोगों में बहौत जल्दी-जल्दी फ़ैल रहा है।

कोरोना के नए वैरिएंट B.1.1.529 को WHO ने वैरिएंट्स ऑफ कंसर्न की श्रेणी में रखते हुए इसे Omicron नाम दिया है। WHO के मुताबिक, ओमिक्रॉन का पहला मामला 24 नवंबर 2021 को साउथ अफ्रीका में मिला।

ओमिक्रॉन बहुत तेजी से म्यूटेशन करने वाला वैरिएंट है जो 50 से अधिक म्यूटेशन पहले ही कर चुका है। साथ ही इसके स्पाइक प्रोटीन में भी 30 से अधिक म्यूटेशन हो चुके हैं। स्पाइक प्रोटीन के जरिए ही वायरस इंसान की कोशिकाओं में प्रवेश के द्वार खोलता है और वही इसे फैलने में मदद करता है संक्रमण फैलाता है। ज्यादातर वैक्सीन का टारगेट भी स्पाइक प्रोटीन ही होती हैं।

ओमिक्रॉन के रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन में भी 10 से अधिक म्यूटेशन हो चुके हैं, जबकि पूरी दुनिया में तहलका मचाने वाले डेल्टा वैरिएंट में केवल दो ही म्यूटेशन हुए थे। रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन ही वायरस का वह हिस्सा होता है जो इंसान के शरीर की कोशिकाओं से सबसे पहले संपर्क में आता है।

ओमिक्रॉन वेरिएंट के लक्षण क्या हैं? (Omicron Symptoms in Hindi)

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रीय संचारी रोग संस्थान (एनआईसीडी) की तरफ से बताया गया है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट वायरस अगर आपके शरीर में आता है तो इसके कुछ विशेष लक्षण नहीं देखे जा रहे हैं। एनआईसीडी के अनुसार यह भी कहा गया है कि डेल्टा की तरह ओमिक्रॉन से संक्रमित हुए कुछ लोग भी एसिम्टोमेटिक थे। ऐसे में एनआईसीडी ने माना कि ओमिक्रॉन से संक्रमित व्यक्ति में कोई अलग तरह के लक्षण दिखाई नहीं दिए थे

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दक्षिण अफ्रीकन मेडिकल एसोसिएशन की अध्यक्ष एंजेलिक कोएत्जी ने कहा कि उन्होंने पिछले 10 दिनों में लगभग 30 मरीजों को देखा है, जो कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे, मगर उन सभी में कुछ अपरिचित यानी अलग तरह के लक्षण दिखे थे। उन्होंने कहा कि युवा मरीजों के लिए यह असामान्य था।

उन्होंने आगे बताया कि ज्यादातरर रोगियों की उम्र 40 साल से कम थी और उनमें से आधे से कम लोगों को ही वैक्सीन लग चुकी थी। उन्होंने कहा कि उन्हें हल्की मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश और सूखी खांसी भी थी। केवल कुछ का तापमान थोड़ा अधिक था। ये बहुत ही हल्के लक्षण थे, जो कि उन वेरिएंटेस से काफी अलग थे, जिनके संक्रमण से शरीर में अधिक गंभीर लक्षण नजर आते हैं।

Omicron Ke Lakshan- इन सबके बीच ब्रिटेन में हुए एक अध्ययन (Study) में यह दावा किया गया है कि ओमिक्रॉन से संक्रमित व्यक्तियों में नाक से पानी आना (Runny Nose), सिर दर्द (Headache), थकान (Fatigue) और गला सूखना (Dry throat) जैसे लक्षण दिखाई (Omicron Ke Lakshan) देते हैं। इसका मतलब यह हुआ है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट के लक्षण भी साधारण सर्दी (cold) के जैसे ही हैं।

ओमीक्रॉन के बारे में कुछ जरूरी जानकारी।

  • साउथ अफ्रीका में पहला केस मिलने के कुछ ही दिनों के अंदर ओमिक्रॉन के अफ्रीका के साथ-साथ यूरोप और ऑस्ट्रेलिया महाद्वीपों समेत कुल 13 देशों में केस मिल चुके हैं।
  • साउथ अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, बोत्सवाना, ब्रिटेन, डेनमार्क, जर्मनी, हॉन्ग कॉन्ग, इजराइल, इटली, नीदरलैंड, फ्रांस, कनाडा और साउथ अफ्रीका समेत 13 देशों में ओमिक्रॉन के मामले सामने आ चुके हैं। चिंता की बात ये है कि बोत्सवाना में सामने आए चारों मामले पूरी तरह से वैक्सीनेटेड लोगों में सामने आए हैं।
  • माना जा रहा है कि साउथ अफ्रीका के गौतेंग प्रांत के 90 फीसदी मामले पहले ही ओमिक्रॉन के हो सकते हैं और इसका मतलब इस नए वैरिएंट की साउथ अफ्रीका के अन्य प्रांतों में भी मौजूदगी हो सकती है।
  • एक्सपर्ट्स के अनुसार, ओमिक्रॉन किसी ऐसे मरीज से आया जिसके शरीर में यह लंबे समय तक रहा और उसका इम्यून सिस्टम इसे मात देने में नाकाम रहा। शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार यह किसी एचआईवी एड्स से संक्रमित व्यक्ति से आया।
  • विशेषज्ञों का मानना है कि ओमिक्रॉन में डेल्टा की तुलना में फैलने की क्षमता (R वैल्यू) छह गुना अधिक है।
  • ओमिक्रॉन पर वैक्सीन के बेअसर होने की बात इसलिए भी की जा रही है क्योंकि कोरोना की वैक्सीन चीन के वुहान से निकले कोरोना वायरस के ओरिजनल स्ट्रेन को ध्यान में रखकर बनाई गई थीं, जबकि ओमिक्रॉन उस स्ट्रेन से कहीं अलग है।
  • कोरोना के अन्य वैरिएंट की तरह ही ओमिक्रॉन से भी सबसे अधिक संक्रमण का खतरा उन लोगों को हैं, जिन्होंने अब तक कोरोना वैक्सीन की एक भी डोज नहीं लगवाई है। ध्यान देने वाली बात ये है कि ओमिक्रॉन अगर वैक्सीनेटेड लोगों को हो सकता है तो ऐसे लोग जिन्होंने कोरोना की सिंगल डोज ली है या अभी तक एक भी डोज नहीं ली है उन्हें इससे संक्रमित होने का खतरा कई गुना अधिक है।
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ओमिक्रॉन वेरिएंट के पहले मामले की पुष्टि 24 नवंबर 2021 को हुई थी। इस वायरस के सबसे पहले मरीज की पहचान दक्षिण अफ्रीका में हुई थी। कई देश ओमिक्रॉन के प्रसार को रोकने के लिए हर संभव कोशिश में जुटे हुए हैं। इसी क्रम में दक्षिण अफ्रीकी देशों से उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है।

WHO के अनुसार, शुरुआती आंकड़े बताते हैं कि ओमिक्रॉन वैरिएंट से लोगों में रीइंफेक्शन का खतरा भी बढ़ सकता है। यानी कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके लोग भी इस नए वैरिएंट की चपेट में आ सकते हैं। इस पर अभी बहुत कम जानकारी उपलब्ध है। अधिक जानकारी मिलने में थोड़ा समय लग सकता है. तब तक लोगों को संभलकर रहने की सलाह दी जाती है।

Omicron Variant FAQ

क्या ओमीक्रॉन डेल्टा से ज्यादा संक्रामक है?

ओमिक्रॉन वैरिएंट कोराना के डेल्टा या अन्य वैरिएंट से ज्यादा संक्रामक है, इसे लेकर कोई ठोस दावा नहीं किया जा सकता है। यानी इंसानों के बीच यह वैरिएंट कितनी तेजी से फैलता है, इस पर स्पष्ट प्रतिक्रिया देना जरा मुश्किल है। फिलहाल इतनी जानकारी है कि RT-PCR टेस्ट से इस नए स्ट्रेन को डिटेक्ट किया जा सकता है। कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन में इस वैरिएंट में लगभग 30 म्यूटेशन हैं। इसलिए लोगों में इसके आसानी से फैलने की संभावना है।

किन लोगों को है ओमिक्रॉन से सबसे अधिक खतरा?

कोरोना के अन्य वैरिएंट की तरह ही ओमिक्रॉन से भी सबसे अधिक संक्रमण का खतरा उन लोगों को हैं, जिन्होंने अब तक कोरोना वैक्सीन की एक भी डोज नहीं लगवाई है। ध्यान देने वाली बात ये है कि ओमिक्रॉन अगर वैक्सीनेटेड लोगों को हो सकता है तो ऐसे लोग जिन्होंने कोरोना की सिंगल डोज ली है या अभी तक एक भी डोज नहीं ली है उन्हें इससे संक्रमित होने का खतरा कई गुना अधिक है।

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