जानिए क्या है “संविधान हत्या दिवस”, क्या हुआ था इस दिन क्या है इसका मतलब।

संविधान हत्या दिवस (Samvidhaan Hatya Diwas) क्या है? इसका मतलब क्या है? क्या हुआ था इस दिन, जानिए सब कुछ।

दोस्तों आइए आपको बताते हैं की संविधान हत्या दिवस क्या है। और कैसे हुई इसकी शुरुआत क्यों पड़ा इस दिन का नाम संविधान हत्या दिवस के नाम पर।

बता दें की 25 जून 1975 को देश में 21 महीने के लिए इमरजेंसी लगाई गई थी। तत्कालीन PM इंदिरा गांधी के कहने पर राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने इमरजेंसी के आदेश पर दस्तखत किए थे। इसके बाद इंदिरा ने रेडियो से आपातकाल का ऐलान किया।

संविधान हत्या दिवस (Samvidhaan Hatya Diwas)

25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। 25 जून 1975 को तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने देश में आपातकाल की घोषणा की थी। अब इसी के मद्देनजर भारत सरकार ने इस दिन को ‘संविधान हत्या दिवस’ घोषित किआ।

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भारत सरकार ने हर साल 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया। यह दिन उन सभी लोगों के महान योगदान को याद करेगा जिन्होंने 1975 के आपातकाल के अमानवीय दर्द को सहन किया था।

25 जून को संविधान हत्या दिवस (Samvidhan Hatya Diwas) के रूप में मनाना इस बात की याद दिलाएगा उस दिन क्या हुआ था। 25 जून को भारत के संविधान को कुचल दिया गया था।

ऐसे में यह दिवस हर उस व्यक्ति को श्रद्धांजलि देने का भी दिन होगा जो आपातकाल की ज्यादतियों के कारण पीड़ित हुए थे।

क्या हुआ था 25 जून 1975 को?

25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने अपनी तानाशाही मानसिकता को दर्शाते हुए देश में आपातकाल लगाकर भारतीय लोकतंत्र की आत्मा का गला घोंट दिया था। लाखों लोगों को अकारण जेल में डाल दिया गया और मीडिया की आवाज को दबा दिया गया।

12 जून 1975 को हाईकोर्ट ने इंदिरा का चुनाव निरस्त कर 6 साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी। वे 23 जून 1975 को सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं।

सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर पूरी तरह रोक नहीं लगाई और इंदिरा को प्रधानमंत्री बने रहने की इजाजत दे दी।

इसके बाद इंदिरा ने देश में इमरजेंसी का ऐलान कर दिया जिसके बाद 25 जून 1975 को देश में 21 महीने के लिए इमरजेंसी लगाई गई थी।

आपातकाल की घोषणा के बाद 26 जून 1975 को लालकृष्‍ण आडवाणी और अटल बिहारी वाजपेयी को गिरफ्तार कर लिया गया था। गिरफ्तारी का ये किस्‍सा भी काफी याद किया जाता है। जनसंघ के ये दोनों ही नेता उस समय बेंगलुरु में थे।

तो दोस्तों इस तरह से आपको समझ में आ गया होगा की संविधान हत्या दिवस (Samvidhaan Hatya Diwas) क्या है, और क्यों मनाया जाता है। अगर आपको भी इसके बारे में और कुछ पता हो तो आप हमे निचे कमेंट बॉक्स के माध्यम से बता सकते हैं।

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