आपने भी ओटीटी के बारे में सुना होगा की, OTT Platform में मूवी रिलीज हुई। या फिर कही न्यूज़ में पढ़ा होगा, लेकिन क्या आपको पता है, OTT क्या है? या फिर OTT Platform क्या है? OTT Platform Full Form in Hindi आज हम आपको इस लेख के माध्यम से OTT के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं।
आजकल हर किसी के पास मोबाइल है और उसमे इंटरनेट है जिसकी मदद से वो अपने काम की कोई भी चीज़ मोबाइल में देख और समझ सकता है।
आजकल सब कुछ डिजिटल होगया है, सभी चीज़ें अब डिजिटल होने लगी है, फिर वो चाहे मोबाइल रिचार्ज करना हो, या किसी को ऑनलाइन पैसे भेजना हो। आजकल सब कुछ हम हमारे मोबाइल से कर लेते हैं।
एक समय था जब हम घर में बैठकर TV में अपना पसंदीदा शो और मूवी देखा करते थे। लकिन अब सबकी लाइफ इतनी बिजी होगयी है की अब हमे ज्यादा टाइम नई मिलता है, और जभी मिलता है तो हम ज्यादातर अपने मोबाइल में टाइम पास कर लिए करते हैं।
हम नई फिल्मे सिनेमा घरों में देखे के लिए जाया करते थे, लेकिन फिर कोरोना की वजह से सब बंद होगया, और फिर हमे यूट्यूब का सहारा लेना पड़ा, लेकिन हमे यूट्यूब में सबकुछ जो हम देखना पसंद करते हैं वो नई मिलता है।
इसीलिए आज हम टीवी और सिनेमा घरों की कमी को ख़तम करने वाले OTT प्लेटफार्म के बारे में बनाते हैं की, OTT क्या है, और ये किस तरह से अब हम सब की जिंदिगी में अपनी जगह बना रहा है।
Table of Contents
ओटीटी क्या है? What is OTT in Hindi
OTT का मतलब ओवर द टॉप (Over The Top) होता है। ये ऐसे प्लेटफॉर्म होते हैं जहां पर उपलब्ध विडियो को आप कभी भी और कहीं भी देख और डाउनलोड कर सकते हैं। और इसके लिए आपको इनका सब्स्क्रिप्शन लेना होता है जिसके लिए कुछ आपको फीस के तौर पर पैसे देने होता हैं।
OTT Platform का मतलब उन ऐसे ऐप से है, जिनका उपयोग उपभोक्ताओं द्वारा Internet के माध्यम से किया जाता है।
OTT शब्द का प्रयोग आमतौर पर वीडियो-ऑन-डिमांड प्लेटफॉर्म के संबंध में किया जाता है, लेकिन ऑडियो स्ट्रीमिंग, मैसेज सर्विस या इंटरनेट-आधारित वॉयस कॉलिंग सोल्यूशन के संदर्भ में भी इसका प्रयोग होता है।
OTT Content लोगों को इंटरनेट के जरिए उपलब्ध कराया जाता है। Over-The -Top (OTT) Technology ग्राहकों के लिए काफी सुविधाजनक होती है। लोग अपने अनुसार विभिन्न प्रकार की OTT Apps का उपयोग कर सकते है।
ओटीटी प्लेटफॉर्म की लोकप्रियता सबसे पहले अमेरिका में बढ़ी थी, इसके बाद यह धीरे – धीरे सभी जगह फ़ैल गई हैं। और आने वाले कुछ समय में इसका बहुत ज्यादा उपयोग होने लगेगा।
फिल्मों या वेब सीरीज को रिलीज करने के लिए ओटीटी को फिल्मों के अधिकार खरीदने होते हैं। इसके लिए निर्माता को एक रकम मिलती है। खास बात यह है कि यह डील एक ही फिल्म के अलग अलग भाषाओं के वर्जनों के लिए अलग होती है।
ओटीटी प्लेटफॉर्म पर लोग वेब सीरीज, डॉक्यूमेंटरी एवं जो भी कंटेंट वे देखते हैं वह सब ओरीजिनल होते हैं। जोकि किसी प्लेटफॉर्म में नहीं होता है।
कुछ ओटीटी प्लेटफॉर्म ऐसे हैं जोकि खुद के कंटेंट या सीरीज बनाकर इसमें डालते हैं, ये अमेज़न प्राइम वीडियो एवं नेटफ्लिक्स जैसे कुछ ओटीटी प्लेटफॉर्म हैं।
ओटीपी का फुल फॉर्म क्या है? (OTT Full Form)
OTT का का फुल फॉर्म ओवर द टॉप (Over The Top) होता है।
जो फिल्में ओटीटी प्लेटफॉर्म पर प्रदर्शित की जाती हैं उनकी कमाई कैसे होती है?
फिल्में जब बॉक्स ऑफिस पर रिलीज होती हैं तो उनके हिट या फ्लॉप होने का फैसला उनकी कमाई से हो जाता है। लेकिन जब फिल्में OTT प्लेटफॉर्म्स पर रिलीज हो रही होती हैं तो उनकी कमाई किस तरह हो रही है?
अगर आपके जेहन में भी कभी ये सवाल आया है तो आपको बता दें कि ये फिल्में अपनी कमाई उस डील के जरिए करती हैं जो इनके और प्लेटफॉर्म्स के बीच होती है।
हम बात कर रहे हैं उस फिल्म के डिजिटल और सैटेलाइट राइट्स की। फिल्ममेकर्स निगोशिएट करने के बाद एक तय कीमत पर ये फिल्में OTT प्लेटफॉर्म्स को उपलब्ध करवाते हैं और इन फिल्मों को करोड़ों में खरीदने की वजह से उन प्लेटफॉर्म्स को ज्यादा सब्सक्राइबर्स मिल जाते हैं।
फिर सैटेलाइट और टीवी राइट्स से भी पैसा बनाया जाता है. यदि OTT प्लेटफॉर्म मेकर्स को फिल्म के बजट के कुछ करोड़ रुपये ज्यादा दे देते हैं और डील उन्हें पसंद आ जाती है तो बात बन जाती है।
OTT Platforms में फिल्मे कैसे रिलीज होती है?
ओटोटी पर फिल्म रिलीज करना है, इसके लिए पहले ऐप्लीकेशन के मैनेजमेंट से बात करनी होती है। इसके बाद एक कॉन्ट्रेक्ट साइन होता है और एक बार में डील फाइनल हो जाती है।
राज बंसल बताते हैं कि ओटीटी पर फिल्म रिलीज करने से व्यूज के आधार पर नहीं बल्कि कॉन्ट्रेक्ट के आधार पर पैसे मिलते हैं। इसलिए यहां कमाई सीमित होती है।
उनका कहना है अभी थियेटर्स खुलना शुरू नहीं हुए हैं तब तक ओटीटी पर फिल्में रिलीज नहीं हो रही है। थियेटर्स रिलीज होने के बाद ओटीटी के बिजनेस पर असर पड़ेगा।
OTT Platforms कितने प्रकार के होते हैं? (Types of OTT Platforms)
- ट्रांसक्शनल वीडियो ऑन डिमांड (TVOD)
ओटीटी का हर यूजर किसी भी कंटेंट को जब डाउनलोड करता है, तो उसके लिए एक शुल्क अदा करता है। यानी हर डाउनलोड के लिए आप शुल्क देते हैं। जिसे ट्रांसक्शनल वीडियो ऑन डिमांड कहते हैं।
- सब्सक्रिप्शन वीडियो ऑन डिमांड (SVOD)
कोई भी यूज़र हर महीने या एक तय सीमा के लिए राशि चुकाता है। इसके जरिये वह इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद तमाम कंटेंट देख सकता है। जिसे सब्सक्रिप्शन वीडियो ऑन डिमांड कहते हैं।
- एडवरटाइजिंग वीडियो ऑन डिमांड (AVOD)
इसके अंतर्गत यूजर को कंटेट देखने का कोई चार्ज नहीं लगता है। लेकिन कंटेंट के बीच में यूजर को स्क्रीन पर फ्लैश हो रहे विज्ञापन (Ads) देखने होते हैं। जैसे यूट्यूब फ्री है लेकिन आपको वीडियो के बीच में आनेवाले एड देखने होंगे। इन विज्ञापनों से भी ओटीटी की कमाई होती है।
FAQ
Q: OTT Full Form in Hindi
Ans: OTT का का फुल फॉर्म ओवर द टॉप (Over The Top) होता है।
Q: OTT Platforms कितने प्रकार के होते हैं?
Ans: ट्रांसक्शनल वीडियो ऑन डिमांड (TVOD), सब्सक्रिप्शन वीडियो ऑन डिमांड (SVOD), एडवरटाइजिंग वीडियो ऑन डिमांड (AVOD)
निष्कर्ष-
तो दोस्तों आज आपने जाना की OTT क्या है। साथ ही आज आपको OTT platform के बारे में अभी बहौत कुछ जाने को मिला होगा, अगर आपको और भी कुछ जानना हो OTT platform के बारे में तो निचे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं, हम आपकी मदद करने की पूरी कोसिस करेंगे।
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