क्या आपको पता है की, FD क्या है? (What is FD in Hindi) क्या आप Fixed Deposit के बारे में जानते हैं? अगर नहीं जानते हैं और जानना, चाहते हैं तो आज हम आपको FD के बारे सभी जानकारी देने वाले हैं, आप इस आर्टिकल को अच्छे से और पूरा पढ़ें ताकि आपको FD के बारे सभी जानकारी अच्छे से पता चल सके।
जैसा की आप जानते ही हैं की हमे पैसे सेव करने चाइये मतलब हमे जितना हो सके उतना पैसे बचाने की कोसिस करना चाइए, हमारे भारत में हमे बचपन से ही पैसे बचाने को कहा जाता है, हमे बचपन से ही सिखाया जाता है की हमे पैसे बचाना चाइए।
हमारे यहाँ हमे पैसो को बचाने को कहा जाता है, पैसे बचाने के फायदे ये होते हैं की अगर कोई एसा समय आजाए की हमे पैसो की जरुरत पड़े और हमारे पास पैसे न हो, तो हमे किसी और से पैसे लेने पड़ते हैं।
अगर बात आती है, पैसो को सेव करने की तो हमारे दिमाग में सबसे पहले कोई नाम आता है तो वो बैंक होता है। बैंक में हम अपने पैसो को जमा करके सेव कर सकते हैं,
इसी के साथ बैंक में ऐसी बहौत सारी स्कीम्स होती हैं, जिससे आप अपने पैसे उन स्कीम में लगा कर के अपने पैसो में ब्याज कमा सकते हैं।
आज हम आपको FD के बारे जानकारी देने वाले हैं, FD क्या है, जिसको जानकार आपको बहौत कुछ सीखने को मिलेगा।
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FD क्या है?
FD का फुल फॉर्म होता है फिक्स्ड डिपाजिट (Fixed deposit) FD बैंक के पास जमा कराई जाने वाली वह रकम है, जिस पर आपको पहले से तय दर के हिसाब से ब्याज मिलता है।
आप यह रिटर्न मासिक, तिमाही या सालाना आधार पर ले सकते हैं. FD की अवधि पूरी हो जाने (मैच्योरिटी) के बाद आपको जमा रकम वापस मिल जाती है।
फिक्स्ड डिपॉजिट अत्यधिक सुरक्षा के साथ आपकी सेविंग को बढ़ाने का एक बेहतर उपाय है. यह सबसे पसंदीदा उपायों में से एक है, जो आपको अपने फाइनेंसर के पास लंपसम (एकमुश्त) राशि जमा करने और अपनी आवश्यकता के अनुसार निश्चित अवधि चुनने की सुविधा देता है।
फिक्स्ड डिपॉजिट का अर्थ एक ऐसे एकाउंट से है जहां पर परिपक्वता अवधि के लिए धनराशि को जमा किया जाता है और जिस पर निवेशकों को निर्धारित ब्याज मिलता है। जिस राशि को फिक्स्ड डिपॉजिट में जमा किया जाता है उस राशि को निर्धारित निश्चित अवधि से पहले नहीं निकाला जा सकता है।
FD पर सेविंग अकाउंट की तुलना में तकरीबन दोगुना ब्याज मिलता है. इस वजह से यह छोटी और लंबी, दोनों अवधि के निवेशकों के लिए यह हम सभी के लिए एक बेहतरीन विकल्प है।
FD में आप लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न कमाने के हिसाब से एक तकनीक अपना सकते हैं. फिक्स्ड डिपाजिट वास्तव में लंबी अवधि के लिए किया जाता है।
बैंक कई तरह के चार्ज लगाकर यह सुनिश्चित करते हैं कि आपने जिस अवधि के लिए FD किया है, उससे पहले आप रकम की निकासी नहीं करें।
लैडरिंग क्या है?
FD से अधिक रिटर्न कमाने का एक तरीका अपने निवेश को कई हिस्से में बांटकर उसे अलग-अलग मैच्योरिटी अवधि के हिसाब से निवेश करना भी है।
इसे लैडरिंग कहते हैं। इससे सुविधा यह होगी कि एक नियमित अंतराल पर आपकी FD मैच्योर होती रहेगी और आपको मिलने वाला रिटर्न बढ़ जायेगा।
उदहारण के लिए मान लीजिये कि आपको पांच लाख रुपये FD में निवेश करना है. इस पर आपको 9 फीसदी सालाना ब्याज मिल रहा है।
आप एक लाख रुपये का निवेश एक साल के लिए कर दीजिये. इसके बाद बची रकम में से एक लाख रुपये का निवेश दो साल के लिए कीजिये।
इसके बाद बची रकम में से एक लाख रुपये के निवेश तीन साल के लिए, फिर एक लाख का निवेश चार साल के लिए और आखिरी एक लाख रुपये का FD में निवेश पांच साल के लिए कर दीजिये।
इसका मतलब यह है कि आपने पांच लाख रुपये को पांच हिस्से में बांटकर उसे पांच अलग-अवधि के फिक्स्ड डिपाजिट में डाल दिया है।
अब एक साल बाद जब आपका फिक्सड डिपाजिट मैच्योर होगा आपको कुल 1.09 लाख रुपये की रकम वापस मिलेगी. इसके बाद अगर आप इस रकम को फिर से पांच साल के FD में निवेश कर दें।
हो सकता है कि इस वक्त बैंक आपको FD पर 10% ब्याज ऑफर करें। इसी तरह आपको दूसरे साल मैच्योर होने वाली FD को भी भुनाकर अगले पांच के लिए निवेश कर देना है।
इस कदम से एक तरफ जहां आप यह सुनिश्चित कर सकेंगे कि आपके हाथ में जरूरत के हिसाब से पैसे आते रहें, वहीं आपको बेहतर दर पर ब्याज कमाने में भी मदद मिलेगी।
इसका एक और बड़ा फायदा यह है कि अगर ब्याज दर में वृद्धि होती है तो आप हमेशा उसका लाभ उठाने की स्थिति में रहेंगे।
FD (फिक्स्ड डिपॉजिट) के क्या फायदे हैं।
- फिक्स्ड डिपॉजिट पर सुनिश्चित रिटर्न प्राप्त होती है, और मूल राशि पर जोखिम की कोई संभावना नहीं होती है।
- फिक्स्ड डिपॉजिट सबसे सुरक्षित इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट में से एक है, जो उच्चतम स्थिरता प्रदान करता है।
- आप अपने मासिक खर्चों को प्रबंधित करने के लिए समय-समय पर ब्याज़ भुगतान का विकल्प चुन सकते हैं।
- कुछ बैंक एफडी धारक को अलग से सुविधाएं प्रदान करते हैं जिसमें लोन देने की सुविधा भी शामिल है.
- आपके फिक्स्ड डिपॉजिट पर बाज़ार के उतार-चढ़ाव का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है, जिससे आपकी इन्वेस्टमेंट की गई पूंजी सुरक्षित रहती है।
FD किसे करवानी चाइए?
सेवानिवृत लोग जिन्हें रोज के खर्च के लिए FD पर ही निर्भर रहना है।
लंबी अवधि के ब्याज दरों को लेकर अनिश्चितता के माहौल से जूझ रहे लोगों को।
छोटी अवधि के वित्तीय लक्ष्य के हिसाब से निवेश करने वाले लोग (छुट्टियों पर जाने, घर खरीदारी के लिए डाउन पेमेंट आदि).
FD में आप लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न कमाने के हिसाब से एक तकनीक अपना सकते हैं. फिक्स्ड डिपाजिट वास्तव में लंबी अवधि के लिए किया जाता है।
बैंक कई तरह के चार्ज लगाकर यह सुनिश्चित करते हैं कि आपने जिस अवधि के लिए FD किया है, उससे पहले आप रकम की निकासी नहीं करें।
फिक्स्ड डिपाजिट से अधिक रिटर्न कमाने का एक तरीका अपने निवेश को कई हिस्से में बांटकर उसे अलग-अलग मैच्योरिटी अवधि के हिसाब से निवेश करना भी है. इसे लैडरिंग कहते हैं।
FD पर ब्याज की रकम किस तरह मिलेगी?
अगर आपने FD में निवेश परंपरागत तरीके से किया है तो आपको FD पर ब्याज की रकम आपके बचत खाते में मिल जाएगी। यह मासिक या तिमाही आधार पर मिल सकती है।
FD कैसे करे?
अगर आप भी FD यानी की फिक्स्ड डिपाजिट करना चाहते हैं, तो उसके लिए आपको आपके बैंक में जहाँ पर आपने अकाउंट खुल वाया होगा, उस बैंक में जाकर के आप अपना FD अकाउंट खुलवा सकते हैं।
या फिर आप घर बैठे ऑनलाइन नेट बैंकिंग या आपके मोबाइल बैंक से भी FD अकाउंट खुद खोल सकते हैं। और ये बहौत आसान है, सभी बैंक इसकी सुविधा देते हैं।
FD पर सेविंग अकाउंट की तुलना में तकरीबन दोगुना ब्याज मिलता है. इस वजह से यह छोटी और लंबी, दोनों अवधि के निवेशकों के लिए यह बेहतरीन विकल्प है। आपको भी इसका फायदा उठाना चाइए।
तो अब आप समझ गए होंगे की FD क्या है? और इसके बारे में हमने आज आपको और भी बहौत सारी जानकरी दी है। अगर आपको आज FD के बारे में कोई एसी चीज़ जो की समझ में नहीं आयी हो, या आप हमसे इसके बारे में और कुछ पूछना चाहते हों, तो निचे दिए गए कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं, हम आपकी मदद करने की पूरी कोसिस करेंगे।
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