5 फरवरी 2022 को हैदराबाद में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘Statue of Equality’ नामक संत रामानुजाचार्य की 216 फुट की मूर्ति का उद्घाटन किया गया।

216 फीट ऊंची ये स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी 11वीं सदी के भक्ति संत श्री रामानुजाचार्य की याद में बनाई गई है। यह दुनिया में बैठी अवस्था में सबसे ऊंची धातु की प्रतिमाओं में से एक है। 

यह 54-फीट ऊंचे आधार भवन पर स्थापित है, जिसका नाम 'भद्र वेदी' है। इस मूर्ति की परिकल्पना श्री रामानुजाचार्य आश्रम के श्री चिन्ना जीयर स्वामी ने की है।

हैदराबाद के मुचिन्तल गांव में बनी वैष्णव संत रामानुजाचार्य की मूर्ति को ‘स्टैच्यू ऑफ इक्‍वालिटी’ (Statue of Equality) नाम दिया गया है। 

यह मूर्ति ‘पंचलोहा’ से बनी है, जो पांच धातुओं: सोना, चांदी, तांबा, पीतल और जस्ता का एक संयोजन है और दुनिया में बैठने की स्थिति में सबसे ऊंची धातु की मूर्तियों में से एक है।

इसमें एक वैदिक डिजिटल पुस्तकालय और अनुसंधान केंद्र, प्राचीन भारतीय ग्रंथों, एक थिएटर, एक शैक्षिक गैलरी के लिए समर्पित फर्श हैं जो श्री रामानुजाचार्य के कई कार्यों का विवरण देते हैं।

श्री रामानुजाचार्य ने राष्ट्रीयता, लिंग, नस्ल, जाति या पंथ की परवाह किए बिना हर इंसान की भावना के साथ लोगों के उत्थान के लिए अथक प्रयास किया था। 

इस प्रोजेक्ट पर 1400 करोड़ रुपए से भी ज्यादा खर्च हुए हैं, जो अयोध्या में 1100 करोड़ की लागत से बन रहे राम मंदिर से भी ज्यादा हैं।

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